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Motihari स्मार्ट क्लास में तिरपाल पर बैठ हो रही पढ़ाई
 

Motihari स्मार्ट क्लास में तिरपाल पर बैठ हो रही पढ़ाई

 
बिहार न्यूज़ डेस्क प्रखंड के धबधबवा उमावि(दक्षिणी) महज दो दशकों में प्राथमिक विद्यालय से उत्क्रमित होकर मध्य विद्यालय से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का स्थान हासिल कर चुका है. परंतु शिक्षक महज आठ ही पदस्थापित हैं.

जो बेसिक ग्रेड के हैं जिनके कंधे पर वर्ग -एक से ग्यारह वर्ग के छात्र - छात्राओं को गुणवतापूर्ण शिक्षा देने की जवाबदेही है. वर्ग नौंवे व दसवें को स्मार्ट क्लास का दर्जा दिया जा चुका है लेकिन स्नातक ग्रेड के एक भी शिक्षक इस विद्यालय में कार्यरत नहीं है वर्ग एक से आठवें तक के छात्रों के लिए विद्यालय में दस कमरे हैं और माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक के लिए तीन मंजिला भवन बनकर तैयार है. किंतु छात्रों को बैठने के लिए डेस्क -बेंच तक सुलभ नहीं है. छोटे बच्चों के साथ ही किशोरवय छात्र व छात्रा भी तिरपाल पर बैठ स्मार्ट क्लास को मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं. स्मार्ट क्लास में बैट्री व इन्वर्टर खराब हो चुका है. शिक्षकों के अभाव में स्मार्ट क्लास का संचालन नहीं हो पाता. छात्र लालबाबू कुमार,राज कुमार,कार्तिक मिश्रा,निखिल तिवारी,शबाना खातून का कहना है कि विद्यालय में विषयगत शिक्षक नहीं होने से उन्हे कोचिंग -ट्यूशन का सहारा लेना मजबूरी है. जबकि रोबैदा नेशा,रिंकी कुमारी,अंजली कुमारी आदि का कहना है कि हमारे विद्यालय के शिक्षकों के समेकित प्रयास से शिक्षण व्यवस्था में सुधार हुआ है. परंतु विषयगत पढ़ाई नहीं होना गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चो के लिए मुश्किल है. फलत अधिकांश बच्चे उच्चतर पढ़ाई में बेहतर नहीं कर पाते. इधर,प्रभारी एचएम मो.समीउल्लाह ने बताया कि बच्चों को एमडीएम के लिए सब्जी दाल से लेकर अध्यापन, क्लर्क आदि कि भूमिका निभाने पड़ते हैं किंतु उनके विद्यालय में स्नातक ग्रेड या प्लस टू के शिक्षकों की पदस्थापना नहीं हो सकी है.
चाह कर भी हम अपने बच्चो को माकूल शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं जिसकी उन्हें जरूरत है. इसके बावजूद बच्चो को गुणवतापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रयासरत रहते हैं.
इस बाबत बीईओ हरेराम सिंह ने बताया कि उच्चतर वर्गीय विषयगत शिक्षकों का अभाव शिक्षण व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है. बावजूद,विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था में आमूल सुधार हो रहे हैं.

मोतिहारी  न्यूज़ डेस्क
 

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