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Motihari कैदी से मारपीट में आनंद मोहन बरी

Rishikesh  एनएसयूआई और एबीवीपी कार्यकर्ताओं में मारपीट, लात-घूंसे चले

बिहार न्यूज़ डेस्क जेल में सजायाफ्ता कैदी के साथ मारपीट के 28 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूर्वी नंदनी की कोर्ट ने पूर्व सांसद को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. मामले में 10 अप्रैल 1996 में मिठनपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पूर्व सांसद के अधिवक्ता मुकेश सिंह ने बताया कि पूर्व सांसद को कोर्ट ने बरी कर दिया है. मामले में दो गवाही हुई थी. दोनों गवाह पक्षद्रोही हो गए थे. जानकारी हो कि, इस केस में पूर्व सांसद के अलावा पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, रामू ठाकुर, बबलू श्रीवास्तव और एक अज्ञात कैदी को आरोपित बनाया गया था.

पुल गिरने के दोषियों को कड़ी सजा मिले अखिलेश

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सुपौल पुल हादसे के मृतक के प्रति गहरी शोक-संवेदना प्रकट की. मलबे में दबे लोगों के लिए गहरी चिंता जताई. पुल गिरने की घटना को लापरवाही बताया. उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार के कारण ही पुल गिरने जैसी घटना होती है. पुल गिरने की घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को कड़ी सजा दी जाए. मृतक के परिजनों और घायलों को मुआवजा मिले.

‘महिलाओं पर लाठी चार्ज नारी शक्ति का अपमान’

प्रदेश प्रवक्ता आनन्द माधव ने कहा कि बक्सर के चौसा में पावर प्लांट के गेट पर 11 सूत्रीय मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों के घर में घुसकर पुलिस द्वारा उनके परिवार के सदस्यों एवं महिलाओं के साथ मारपीट की. यह शर्मशार करने वाली घटना है. घर में घुसकर महिलाओं पर लाठी चलाना नारी शक्ति का अपमान है.

 

मोतिहारी  न्यूज़ डेस्क

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