उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क हमारी सेहत के लिए खतरनाक ओजोन की वातावरण में मौजूदगी तेजी से बढ़ रही है. मुरादाबाद के कुछ इलाकों में ओजोन गैस का स्तर दिल्ली और एनसीआर के शहरों से भी अधिक दर्ज किया जा रहा है. केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा विभिन्न शहरों में ओजोन की मात्रा के संबंध में जारी आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं.
उदाहरण के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ओजोन की औसत मात्रा 15 पीपीएम, रोहिणी में 7 पीपीएम, नजफगढ़ में 19 पीपीएम, सीरी फोर्ट पर 13 पीपीएम, गुरुग्राम में 15, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में 21, मेरठ के पल्लवपुरम में 13 पीपीएम दर्ज हुई, जबकि, मुरादाबाद के इको हर्बल पार्क में 26, कांशीराम नगर में 21, जिगर कॉलोनी में 16 पीपीएम दर्ज की गई.
अलर्जी के मामले बढ़े
स्किन स्पेशलिस्ट डॉ.विकास गुप्ता ने बताया कि अल्ट्रावायलेट इंडेक्स का अधिक होना स्किन एलर्जी बढ़ने का कारण बन रहा है. जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील है वह तेज धूप के समय बाहर निकलने से बचें. यूवी इंडेक्स अधिक होने से त्वचा के काली व झुर्रियां पड़ने की दर बढ़ जाती है.
धूप में खतरे में डाल रही ओजोन पर चोट
विशेषज्ञों के मुताबिक मुरादाबाद में चमकीले दिनों में अल्ट्रावायलेट इंडेक्स निर्धारित मानक से अधिक दर्ज हो रहा है. पर्यावरण विज्ञानी डॉ.अनामिका त्रिपाठी ने बताया कि पराबैंगनी किरणों की अधिकता होने पर यूवी इंडेक्स बढ़ जाता है. अल्ट्रावॉयलेट इंडेक्स का शून्य से 2 तक रहना सेहत के लिए बहुत अच्छा है. मुरादाबाद में चमकदार धूप के दिनों में यूवी इंडेक्स सात या इससे अधिक भी पहुंच रहा है जोकि, स्वास्थ्य के लिए काफी जोखिम भरा है.
ओजोन जितनी कम, सेहत उतनी सुरक्षित
पर्यावरण शोधकर्ता क्षेत्रीय प्रदूषण विभाग में कार्यरत अतुल कुमार ने बताया कि मुरादाबाद में ओजोन गैस की मात्रा निर्धारित मानक की जद में है. इसकी अधिकतम मात्रा का मानक 100 पीपीएम निर्धारित है, लेकिन, सेहत को काफी खतरनाक दुष्प्रभाव होने के चलते वातावरण में ओजोन की मात्रा जितनी कम से कम होगी यह सेहत के लिए उतना ही ज्यादा सुरक्षित होगा. जिस इलाके में ओजोन की मौजूदगी अपेक्षाकृत कम पाई जा रही है वह सेहत के मामले में अधिक सुरक्षित माना जा सकता है.
मुरादाबाद न्यूज़ डेस्क