Moradabad कुपोषण के खिलाफ जंग लड़ने में कम पड़ रही जिम्मेदारों की फौज, कहीं सहायिकाओं से ले रहे काम कहीं एक पर दो आंगनबाड़ी केंद्र का चार्ज

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जिले में कुपोषण के खिलाफ जारी लड़ाई को लड़ने को तैनात की गई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की फौज कम पड़ रही है. जिले में आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका के 412 पद खाली हैं. इससेे पोषण सहित अन्य योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. वहीं नई भर्तियों का कुछ भी अता-पता नहीं है. ऐसे में जिले में कुपोषण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जारी रखने में जिम्मेदारों के पसीने छूट रहे हैं.
आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना जिले के गांवों और बस्तियों में की जाती है जहां बच्चे आकर प्रारंभिक शिक्षा हासिल करें और खेल सके. इसके साथ ही इन केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नियुक्त किया गया है. जिले भर की बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल भी इन्हीं केंद्रों के जरिये आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां करती हैं. आंगनबाड़ी में गांव के बच्चों की प्रीस्कूल एक्टिविटीज कराई जाती हैं. उसके अलावा ग्रामीण गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की रेगुलर चेकअप भी कराई जाती है. आंगनबाड़ी में बच्चों को पोषण आहार भी दिया जाता है. सरकार द्वारा हर गांव के आंगनबाड़ी के लिए बजट पास किया जाता है. हर आंगनबाड़ी केंद्र को ग्राम स्तर की 400 से 800 लोगों की जनसंख्या पर बनाया जाता है. मौजूदा समय में जिले में 412 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं के पद खाली हैं व सभी स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन न होने से पोषण पर पड़ रहा है. कहीं पर सहायिका को चार्ज दिया है तो कहीं पर दूसरे गांव की आंगनबाड़ी कार्यकत्री को ही चार्ज दे रखा है. ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों पर व्यवस्थाएं प्रभावित हैं.
पहले फेज में वैकेंसी अपलोड की जा रही है. जहां आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पद खाली है. वहां सहायिकाओं को चार्ज मिला है. जिन गांवों में पद खाली हैं वहां दूसरे गांव की कार्यकत्री को जिम्मेदारी दी है. 25 तक पोर्टल पर खाली पदों के बारे में सूचना दी जाएगी. -प्रीति सिंह, एसडीएम, जिला कार्यक्रम अधिकारी
मुरादाबाद न्यूज़ डेस्क