उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क उत्तराखंड एसटीएफ ने हुई सहायक अध्यापक (एलटी) भर्ती परीक्षा देने आए दो नकल माफिया को दबोच लिया. हरिद्वार में एसटीएफ के हत्थे चढ़े आरोपी पिछले साल भी मेरठ से बीडीओ भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी के स्थान पर शामिल होने के आरोप में धरे जा चुके हैं. एसटीएफ का दावा है सहायक अध्यापक परीक्षा प्रश्नपत्र हल करने के नाम पर 16 लाख की रकम तय हुई थी. केस दर्ज होने पर हरिद्वार कोतवाली पुलिस जांच में जुट गई है.
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि सूचना मिली कि एक अभ्यर्थी के स्थान पर नकल माफिया परीक्षा में शामिल हो सकता है. टीम ने हरिद्वार के मायापुर क्षेत्र के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र के बाहर छापेमारी कर दो संदिग्ध दबोच लिए. पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम ऊधम सिंह निवासी ग्राम चकबंदी थाना सरधना और अनुपम निवासी निकट रामकृष्णा नगर पटना बताया.
जांच में सामने आया कि चार वर्ष पहले टीजीटी परीक्षा में पेपर हल कराने के नाम पर ऊधम सिंह ने एक अभ्यर्थी से दो लाख की रकम ली थी, लेकिन तब वह कामयाब नहीं हो सका था. अब सहायक अध्यापक परीक्षा में पेपर हल करने के नाम पर 16 लाख में सौदा तय हुआ. उसने अनुपम को परीक्षा देने के लिए हायर किया था.
नकल के नाम पर बनाता था शिकार
उत्तराखंड एसटीएफ ने हुई सहायक अध्यापक (एलटी) भर्ती परीक्षा के दौरान दो नकल माफिया को गिरफ्तार किया. इन आरोपियों में मेरठ के सरधना स्थित चकबंदी गांव निवासी उधम सिंह भी है. उधम सिंह पहले भी प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंधमारी करने और युवाओं को भर्ती कराने के नाम पर रकम हड़प चुका है. उधम इलाके में कई लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर चुका है. वहीं, उत्तराखंड में उधम सिंह की गिरफ्तारी की खबर गांव पहुंची तो पूरे दिन चर्चा का बाजार गरमाया रहा. वहीं, थाना प्रभारी निरीक्षक प्रताप सिंह ने बताया कि उधम का अपराधिक रिकार्ड खंगाला जा रहा है.
इंजीनियर है अनुपम
प्रश्न पत्र हल करने का मास्टर माइंड अनुपम इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है. 35 वर्षीय अनुपम एक परिचित के माध्यम से ऊधम सिंह के संपर्क में आया था और ऊधम उसे प्रश्न पत्र हल करने के लिए हायर करता था. एसटीएफ का फोकस इस बात पर भी है कि कहीं इनके तार किसी बड़े गैंग से तो नहीं जुड़े हैं.
मेरठ न्यूज़ डेस्क