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Meerut  नकल कराने वाला इतना बड़ा गिरोह नहीं देखा, गिरोह में डॉक्टर, रिसोर्ट मालिक,

Jhunjhunu बोर्ड एग्जाम में इस बार रहेगी ज्यादा सख्ती:नकल करते पकड़े गए तो होंगे डिबार

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने वाला इतना बड़ा गिरोह नहीं देखा. इस गिरोह में डॉक्टर, रिसोर्ट मालिक, कंसलटेंसी एजेंसी का मालिक, इंजीनियर, पुलिसकर्मी तक शामिल हैं. इस गिरोह के 12 आरोपियों को अकेले एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने दबोचा है. वहीं, प्रदेशभर में 55 आरोपी अभी तक पकड़े गए हैं. मुख्य आरोपियों के अलावा बाकी लोग व्हाट्सएप पर पेपर खरीदने वाले हैं.

16 टीम, 12 मुकदमे, 55 आरोपी गिरफ्तार पेपर लीक का खुलासा करने के लिए शासन के निर्देश पर यूपी एसटीएस की 16 टीमों को लगाया गया था. इनमें वेस्ट यूपी की चार टीमें भी थी. मेरठ यूनिट ने 12 और नोएडा टीम ने तीन आरोपियों को पकड़ा. पूरे प्रदेश में 55 आरोपी पकड़े गए और 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे. फरार आरोपियों की तलाश चल रही है.

18- लाख में बुक किया था रिसोर्ट मानेसर के नेचर वैली रिसोर्ट के मालिक सतीश धनकड़ ने खुलासा किया कि उसे एक अभ्यर्थी के 2 हजार के हिसाब से भुगतान करने का आश्वासन दिया गया था. तय किया गया कि 18- लाख रुपये सब काम होने के बाद दिए जाएंगे और कुछ रकम एडवांस दी थी.

सतीश धनकड़ ने बंद कराए थे रिसोर्ट के कैमरे

मेरठ. एसटीएफ अधिकारियों ने खुलासा किया कि आरोपी सतीश धनकड़ ने पेपर लीक मामले में पूरी भूमिका निभाई थी. सामूहिक रूप से अभ्यर्थियों को जब लीक कराया गया पेपर रिसोर्ट में पढ़ाया गया तो उस समय रिसोर्ट के कैमरे बंद कर दिए गए थे. एसटीएफ ने जब 15 और 16 फरवरी की कैमरों की रिकार्डिंग मांगी तो उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई. एसटीएफ के एएसपी ब्रिजेश सिंह ने खुलासा किया कि नेचर वेली रिसोर्ट मानेसर के मालिक सतीश धनकड़ का नकल कराने वाले गिरोह से सीधा कनेक्शन है. इसी गिरोह के विक्रम पहल और गुनिया के कहने पर ही रिसोर्ट को पेपर पढ़ाने के लिए दिया था. यहां अभ्यर्थियों को 15 फरवरी को ही लाकर रुकवाया गया था. इसके बाद 16 फरवरी को नकल कराई गई और बसों में भरकर इन लोगों को वापस निकाल दिया गया.

 

 

मेरठ न्यूज़ डेस्क

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