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Meerut  परतापुर से दौराला तक महायोजना की होगी जांच, एमडीए में मेरठ महायोजना-2031 को लेकर दर्ज आपत्तियों की हुई सुनवाई, बिल्डर और सिटीजन फोरम भी चाहता है सुधार
 

Meerut  परतापुर से दौराला तक महायोजना की होगी जांच, एमडीए में मेरठ महायोजना-2031 को लेकर दर्ज आपत्तियों की हुई सुनवाई, बिल्डर और सिटीजन फोरम भी चाहता है सुधार


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  परतापुर से दौराला तक मेरठ महायोजना-2031 के प्रस्ताव की जांच होगी. शहर के प्रमुख लोग और मेरठ सिटीजन फोरम चाहता है कि एनएच-58 में ग्रीन बेल्ट कम हो. आवासीय और मिश्रित भू-उपयोग की व्यवस्था की जाए, ताकि विकास की गति तेज हो सके.
इस दौरान वेदव्यासपुरी से हापुड़ रोड तक इनर रिंग रोड की मांग जोरदार ढंग से हुई. जुर्रानपुर बाईपास में आवासीय भू-उपयोग का प्रस्ताव रखा गया. एमडीए वीसी अभिषेक पांडेय ने सभी आपत्तियों और सुझावों पर प्राधिकरण अधिकारियों को जांच कर आगे की कार्रवाई के लिए कहा गया.
 लगातार तीसरे दिन प्राधिकरण सभागार में मेरठ महायोजना-2031 को लेकर दर्ज आपत्तियों की सुनवाई हुई. सुबह से लेकर शाम तक एमडीए वीसी और अन्य अधिकारियों ने आपत्तिकर्ताओं को बुलाकर उनके सुझावों और आपत्तियों को सुना.
मेरठ सिटीजन फोरम से आर्किटेक्ट जागेश कुमार, गौरांग सांगल, बिल्डर अतुल गुप्ता समेत बड़ी संख्या में लोगों की आपत्तियों और सुझावों को अधिकारियों ने सुना. एक बड़ी आपत्ति परतापुर से दौराला तक ग्रीन बेल्ट को लेकर हुई. लोगों ने कहा कि एमडीए की योजनाओं में तो ग्रीन बेल्ट कम है. हालांकि इस पर एमडीए वीसी का कहना था कि प्राधिकरण की योजनाएं मास्टर प्लान से पहले की है. बाद में एनसीआरपीबी के निर्देश के तहत व्यवस्था की गई.

जुर्रानपुर बाईपास में हो आवासीय की व्यवस्था
सुझाव दिया गया कि जुर्रानपुर बाईपास में मेरठ महायोजना-2021 से पहले की तरह आवासीय भू-उपयोग किया जाए, जबकि महायोजना-2031 में पार्क और खुली जगह कर दिया गया है. शाप्रिक्स मॉल से लेकर हापुड़ रोड के बीच जुर्रानपुर बाईपास में दोनों तरफ आवासीय कालोनियां निर्मित हो रही है. बिल्डर अतुल गुप्ता ने कहा कि वेदव्यासपुरी से दिल्ली रोड और दिल्ली रोड में शताब्दीनगर से हापुड़ रोड के बीच पांच किलोमीटर का रिंग रोड बनाया जाए.
आवासीय और मिश्रित भू-उपयोग की उठी मांग
लोगों का सुझाव था कि परतापुर से दौराला तक विकास की संभावनाएं हैं. ऐसे में आवासीय और मिश्रित भू-उपयोग किया जाए. वीसी ने जांच कर कार्रवाई की बात कही. एक महत्वपूर्ण सुझाव यह भी दिया गया कि महत्वपूर्ण सड़कों के किनारे आवासीय और व्यवसायिक भू-उपयोग की व्यवस्था होनी चाहिए. इस पर भी जांच की बात हुई. सुनवाई में आईएएस (प्रशिक्षु) जागृति अवस्थी, एमडीए सचिव चंद्रपाल तिवारी आदि रहे.


मेरठ न्यूज़ डेस्क
 

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