उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क बैंकों और फाइनेंस कम्पनियों में फर्जी दस्तावेज लगाकर ऋण लेने और फिर चार-पांच किस्त जमाकर रुपये हड़पने वाले गिरोह के सरगना समेत चार सदस्यों को एसटीएफ ने देर रात गिरफ्तार कर लिया. ये चारों लोग पिकप तिराहे के पास पकड़े गए. इन लोगों ने अब तक पांच करोड़ रुपये ऋण के नाम पर हड़प लिए हैं. इनके पास 13 मोबाइल, चार फर्जी आधार कार्ड, 15 एटीएम समेत कई अन्य चीजें बरामद हुई हैं.
एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह के मुताबिक दुबग्गा निवासी मो. आरिफ, अमीनाबाद के पास माडल हाउस स्थित आशियाना अपार्टमेंट निवासी मो. वाशिल, सीतापुर के महमूदाबाद निवासी शिव प्रताप सिंह और आलमनगर, सरीपुरा निवासी अर्पित श्रीवास्तव को पकड़ा गया है. इन लोगों ने कुबूल किया कि वह लोग फर्जी दस्तावेज लगाकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, यूको बैंक समेत कई बैंकों में खाते खुलवाते हैं. ये लोग आधार कार्ड के आधार पर अलग-अलग व्यक्तियों की फोटो बदल कर, फर्जी लोगों को खड़ा कर जमीन की रजिस्ट्री कराते है. फिर उसी रजिस्ट्री के आधार पर होम फर्स्ट, पिरामल, गृह शक्ति हाउसिंग, हिंदुजा हाउसिंग फाइनेस, किप्स हाउसिंग फाइनेंस आदि में होम लोन लेने के लिए अप्लाई कराते हैं. फाइनेंस हाउसिंग कंपनियों और बैंक सर्वेयर व कर्मचारियों से ऋण पास करवा लेते हैं. ऋण मिलते ही रकम को आपस में बांट लेते थे.
जालसाज मांगेराम की दो करोड़ की संपत्ति कुर्क होगी
पेपर मिल कालोनी में फर्जी शिक्षा बोर्ड चलाने के मामले में पुलिस ने गिरोह के सरगना मांगेराम की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी में है. पुलिस ने इसके लिए कैंट में पुराना किला और कैसरबाग स्थित उसकी संपत्ति चिह्नित कर ली है. संपत्ति की कीमत करीब दो करोड़ रुपये बताई जा रही है. पुलिस टीम कोर्ट से एनबीडब्ल्यू लेकर अब आगे की तैयारी करेगी. पुलिस मांगेराम की आयुष मंत्रालय और कौशल विकास मिशन में सेटिंग की तफ्तीश कर रही है. अपर पुलिस उपायुक्त मध्य मनीषा सिंह ने बताया कि दोनों विभागों से पत्राचार किया गया है. दोनों विभाग भी आंतरिक जांचकर रहे हैं. मांगेराम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें गाजियाबाद, बिहार और मेरठ में उसकी तलाश कर रही हैं.
मेरठ न्यूज़ डेस्क