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Mathura  असलहों के जखीरे संग 35 साल पहले धरा गया

Meerut  कार ऑन डिमांड चोरी करने वाला गिरोह धरा
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  मलिहाबाद में सत्तर से अस्सी दशक तक लल्लन उर्फ गब्बर का आतंक था. पुलिस भी भय खाती थी. 1985 में जब बृजलाल लखनऊ के एसपी सिटी बने तो उन्होंने उस पर शिकंजा कसा. बृजलाल ने टीले वाली मस्जिद के पास असलहों के जखीरे के साथ उसे पकड़ा था. फिर सबके सामने हथकड़ी पहना कर कोतवाली ले गये थे. इसके बाद जब वह जमानत पर बाहर आया तो काफी समय तक घर में ही दुबका रहा था. बृजलाल (रिटायर डीजीपी और सांसद) कहते हैं कि लल्लन ने पूरे इलाके में दबंगई बना रखी थी. उसके खिलाफ कोई कुछ नहीं बोलता था. उन्हें पता चला कि वह अवैध हथियार भी खरीदता बेचता था तो वह उसे गिरफ्तार करने के लिये खुद भी आपरेशन में शामिल रहे थे.
नीलगाय को गोली मारी, घेरने पर गोली मारने की धमकी दी रहीमाबाद. वर्ष 1998 में रहीमाबाद के जंगलों में लल्लन खान शिकार करने निकला था. उसने रात में नीलगाय को गोली मार दी थी. ग्रामीणों ने लाठी-डंडे लेकर घेरा तो लल्लन ने धमकाया कि मैं लल्लन हूं... जाओ नहीं तो गोली मार दूंगा.... ग्रामीण बताते हैं कि रहीमाबाद संडीला सीमा के जंगलों में लल्लन खान अक्सर खुली जीप पर शिकार करने निकलता था. वह शिकार किये जानवर का ही मांस खाता था. अगर कोई उसका विरोध करता था तो वह उसे दुश्मन मान लेता था.

लल्लन ने कहा था कि उसके पास स्टे है...
रहमतनगर से करीब ढाई किमी. दूर मीठेनगर में लेखपाल रघुवीर यादव पैमाइश करने  को पहुंचा था तो वहां फरीद भी गये थे. फरीद ने  शाम आधे रास्ते से लौटने की बात कही थी. पड़ताल में सामने आया कि लेखपाल ने फरीद से कहा था कि लल्लन ने एसडीएम कोर्ट से स्टे ले रखा है. वह नहीं आ रहा है. लेखपाल ने ड्राइवर अशर्फी से बुलाने को कहा. इसके बाद ही वहां पहुंचा था.
दोनों भिड़े तो भाग गया लेखपाल एडीसीपी विश्वजीत श्रीवास्तव के मुताबिक लल्लन पहुंचा तो जमीन के कुछ हिस्से को लेकर फरीद से विवाद होने लगा. दोनों के बीच विवाद बढ़ने लगा तो लेखपाल रघुवीर वहां से बिना पैमाइश किये निकल लिया था. इसके बाद फरीद वहां से घर आ गया. पीछे से लल्लन बेटे फराज, फुरकान, ड्राइवर अशर्फी के साथ फरीद के घर पहुंच गया था. यहां विवाद बढ़ गया जिस पर हंजला, फरहीन और मुनीर की हत्या कर दी गई.
कई लोगों ने बदले बयान पुलिस को तफ्तीश में लोगों के बयान बदलने से दिक्कत आ रही है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फरीद ने घटना के बाद पहले पहुंचे पुलिसकर्मियों से कहा था कि वह पैमाइश के समय गया था. कुछ देर बाद बयान दिया कि वह विवाद होने की बात सुनकर आधे रास्ते से लौट आया था. अशर्फी ने भी गिरफ्तार होने पर बयान बदला. दोनों पक्षों के रिश्तेदारों ने भी  जो बयान दिये उनमें काफी विरोधाभास मिला.

मथुरा न्यूज़ डेस्क
 

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