Mathura वज्रनाभ की समाधि पर ही अतिक्रमण, भगवान श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने ब्रज में भगवान का सबसे पहले मंदिर बनवाया था
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क भगवान श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने ब्रज में भगवान का सबसे पहले मंदिर बनवाया था, लेकिन आज उनकी ही समाधि स्थल उपेक्षित है. इसपर आसपास लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है, जिससे समाधि स्थल का क्षेत्र रिकॉर्ड के मुताबिक आधा ही रह गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने वज्रनाभ की समाधि का विकास कराने का फैसला किया है. इसके लिए 3 करोड़ रुपये के बजट वाला प्रस्ताव तैयार किया गया है.
श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्र अथवा वज्रनाभ द्वारिका के अंतिम शासक थे, जो यदुओं की आपसी लड़ाई में जीवित बच गए थे. द्वारिका के समुद्र में डूबने पर अर्जुन द्वारिका गए और वज्र तथा शेष बची महिलाओं को हस्तिनापुर ले गए. श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्र को हस्तिनापुर में मथुरा का राजा घोषित किया. महाराज परीक्षित और महर्षि शांडिल्य के सहयोग से ब्रजमंडल की पुन स्थापना की थी. वज्रनाभ द्वारा ब्रजमंडल में कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर सिहत अनेक मंदिरों का निर्माण कराया गया था. वर्तमान में जिस स्थान पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थापित है, वही वज्रनाभ द्वारा बनवाया गया पहला मंदिर था, जिसे कालांतर में विदेशी आक्रांताओं ने कई बार तहस-नहस किया.
वज्रनाभ की समाधि छाता तहसील के गांव कमई करहला में स्थित है. मजे की बात यह है कि सरकारी रिकॉर्ड में तो ढाई एकड़ जमीन वज्रनाभ की समाधि स्थल के रूप में दर्ज है, लेकिन मौके पर केवल एक एकड़ ही है. बाकी जमीन अतिक्रमण और अवैध कब्जे का शिकार हो गई. अब उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने इसके लिए 3 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया है, लेकिन इससे पहले अतिक्रमण हटाया जाएगा.
सीएम योगी ने कहा था, भूले-बिसरे स्थलों को संवारा जाए कुछ समय पूर्व हुई उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद की बैठक और उसके बाद लखनऊ में आयोजित हुई कई बैठकों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात पर जोर दिया था कि प्रसिद्ध स्थलों पर तो विकास कार्य होने ही चाहिए, लेकिन उन स्थलों के लिए भी कार्ययोजना बनाई जाए, जो अब तक लुप्तप्राय हैं. इससे नए पर्यटन स्थल भी विकसित होंगे और श्रद्धालुओं को भी विकल्प मिलेंगे. मुख्यमंत्री के इन्हीं निर्देश के बाद उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने वज्रनाभ समाधि स्थल के विकास के लिए 3 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया.
छाता तहसील की टीम कर रही पैमाइश छाता तहसील की टीम को वज्रनाभ की समाधि स्थल की पैमाइश की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस बात की जांच हो रही है कि जब रिकॉर्ड में समाधि स्थल के नाम पर ढाई एकड़ दर्ज है तो फिर मौके पर केवल एक एकड़ ही क्यों शेष रह गई. फिर जो जमीन कागजी रिकॉर्ड में है, लेकिन मौके पर नहीं दिख रही, उस पर किन लोगों ने कब्जा कर लिया है. पैमाइश के बाद अतिक्रमण हटाया जाएगा.
मथुरा न्यूज़ डेस्क

