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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क प्रदेश सरकार ने बजट में छाता शुगर मिल के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसे यहां चीनी मिल, डिस्टलरी (आसवानी) लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउसिंग कॉम्पलेक्स पर खर्च किया जाएगा.
वर्ष 2009-10 की मायावती सरकार के समय बंद हुई छाता शुगर मिल की स्थापना सन 1978 में की गई थी. इसे बसपा सरकार ने बेचने की भी तैयारी कर ली थी. इसके विरोध में छाता किसान संघर्ष समिति हाईकोर्ट से स्टे ले आई तब इसकी बिक्री रुक सकी थी. वर्ष 2012 में सपा सरकार में किसानों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इसे चालू कराने की मांग की थी. पूर्व विधायक ठा. तेजपाल सिंह ने मामले को विधानसभा में उठाया था. मगर तब सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. बंद होने से पूर्व छाता शुगर मिल से करीब 22 हजार गन्ना किसान जुड़े हुए थे. मिल के लिए करीब 46 हजार किसान गन्ने की आपूर्ति करते थे. इनकी संख्या में घटोत्तरी और बढ़ोतरी होती रहती थी. यह किसान मिल बंद होने के बाद गन्ने की खेती छोड़कर गेहूं एवं धान की खेती करने लगा है.
अक्तूबर 2017 में मुख्यमंत्री ने छाता शुगर मिल को 350 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी. उन्होंने प्रशासन से छाता शुगर मिल की जमीन के बाजार मूल्य की जानकारी मांगी थी. शुगर मिल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव मिश्रा की रिपोर्ट तत्कालीन डीएम अरविद मलप्पा बंगारी ने शासन को भेजी थी. रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि मिल 100 एकड़ में फैली हुई थी. इसमें से 17 एकड़ जमीन हाईवे के चौड़ीकरण में चली गई. जमीन के एक हिस्से में फैक्ट्री, कुछ हिस्से में फार्म और कुछ हिस्से में कर्मियों के क्वार्टर बने हैं, शेष हिस्से में झाड़ियां उग गईं. मिल को शुरू करने को डीपीआर बनाने के भी निर्देश दिए गए थे. सहकारी चीनी मिल संघ उत्तर प्रदेश को डीपीआर बनानी थी. दिल्ली की एक कंपनी को यह कार्य सौंपने की तैयारी थी, लेकिन धनराशि आवंटित नहीं होने से इसकी डीपीआर नहीं बन पाई थी. इसके बाद मिल की आपूर्ति के लिए गन्ना पैदावार न होने पर सरकार ने वर्ष 2018 में यू टर्न ले लिया था.
इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में पेश किए अपने अगले अनुपूरक बजट के भाषण में छाता समेत प्रदेश की छह अन्य मिलों के पुनर्निर्माण एवं कुछ मिलों की मरम्मत के लिए पांच हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया था. मुख्यमंत्री ने इसके शुभारंभ का शिलान्यास भी कर दिया है. इसे चालू करने का कार्य भी आरंभ कर दिया गया है. बजट में शुगर मिल में चीनी मिल निर्माण, लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउसिंग कॉम्पलेक्स, डिस्टलरी (आसवानी) के निर्माण के लिए कुल 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है. इसका कार्य आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पूरा कर लिया जाएगा.
मथुरा न्यूज़ डेस्क