उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क नगर निगम के रिटायर कर्मचारी का फर्जीवाड़ा सामने आया है. उसने एक मरे हुए व्यक्ति के नाम मकान का दाखिल खारिज कर दिया. शिकायत आने पर नगर निगम ने जांच कराई तो इसका खुलासा हुआ. कर्मचारियों ने नामांतरण शुल्क भी जमा कर लिया. फिर इसकी फाइल भी गायब कर दी. कर्मचारी को नोटिस जारी कर दो दिनों के भीतर मूल फाइल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
दूसरे कर्मी से नामांतरण पत्रावली ली: नगर निगम के जोन 6 में तैनात लिपिक जमील अहमद ने दाखिल खारिज में फर्जीवाड़ा किया है. एक व्यक्ति ने 28 फरवरी को नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था. बाबू ने दूसरे कर्मचारी से नामांतरण की पत्रावली ले ली. इसके बाद नामांतरण की कार्रवाई समय से नहीं की. उसे निरस्त कर दिया. बाद में पुन: 24 जुलाई 2023 को ऑनलाइन नामांतरण आवेदन पर मृतक दीपचंद रस्तोगी के नाम दाखिल खारिज कर दिया. जबकि दीप चंद्र रस्तोगी की मृत्यु 2020 में ही हो चुकी थी.
नामांतरण शुल्क भी जमा कर दिया: 31 जुलाई 2023 को नामांतरण शुल्क भी जमा कर दिया. शिकायतकर्ता ने भवन का नामांतरण सिर्फ राजकिशोर रस्तोगी के पक्ष में किए जाने का आवेदन किया. जिसके बाद फाइल की तलाश शुरू हुई. फाइल कार्यालय में उपलब्ध नहीं है.
फाइल बाबू ही लेकर चला गया: जानकारी के अनुसार जब मामले की जांच की गई तो पता चला फाइल बाबू जमील अहमद ही लेकर चला गया. उसने मृतक व्यक्ति के नाम मकान का नामांतरण करने के बाद फाइल गायब कर दी. जोन छह के कर अधीक्षक ने रिटायर लिपिक जमील अहमद को नोटिस जारी कर दी है. फाइल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. बताया जा रहा है कि फाइल मिलने के बाद मामले में जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
मथुरा न्यूज़ डेस्क