Samachar Nama
×

Mathura  कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभाव की चिंता बेवजह

हर साल 1,25,000 महिलाएं हो रही है भारत में सर्वाइकल कैंसर का शिकार, ये स्वदेशी वैक्सीन कर सकती है इस समस्या का समाधान

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  कोरोना से बचाव की कोविशील्ड वैक्सीन के कथित दुष्प्रभाव को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. डॉक्टरों ने वैक्सीन की चिंता को बेवजह करार दिया है. ब्लड क्लॉटिंग, दिल का दौरा पड़ने और न्यूरो संबंधित रोगों की आशंका बेहद कम है.

केजीएमयू न्यूरोलॉजी विभाग के न्यूरोलॉजी इंडिया में में वैक्सीन के दुष्प्रभाव को नकारा गया है.

केजीएमयू न्यूरोलॉजी विभाग ने देशभर में कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभाव पर प्रकाशित शोध-पत्रों का अध्ययन कर शोध पत्र तैयार किया. न्यूरोलॉजी विभाग अध्यक्ष डॉ. आरके गर्ग निर्देशन में शोध हुआ है.

डॉ. गर्ग ने बताया कि जून 2022 तक 1,97,34,08,500 वैक्सीन डोज लगाई गई थी. इनमें अधिकांश लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन ही लगी थी. वैक्सीन के दुष्प्रभाव पर प्रकाशित शोध पत्रों का विभाग के डॉ. हरदीप सिंह मल्होत्रा, डॉ. इमरान रिजवी, डॉ. बालेंद्र सिंह आदि ने अध्ययन किया. डॉ. आरके गर्ग ने बताया कि कुल 136 मरीजों में गंभीर दिक्कतों की बात सामने आई थी. इसमें 10 मरीजों के दिमाग में खून का थक्का जमने की शिकायत मिली थी. उन्होंने बताया कि हरपीज के सर्वाधिक 31 मामले नजर आए थे. इसके अतिरिक्त मस्तिष्क-स्पाइन कॉर्ड में सूजन के मामले भी सामने आए थे. मगर सबसे ज्यादा फंग्शनल न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर के थे. दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल और केरल से अधिक मामले सामने आए थे. डॉ. आरके गर्ग ने बताया कि वैक्सीन लगवाने वाले अधिकतर मामले डोज लगने के  सप्ताह के अंदर के हैं.  से  साल बाद वैक्सीन के दुष्प्रभाव की आशंका बेहद कम है.

 

 

मथुरा न्यूज़ डेस्क

Share this story