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Mathura  दावा‘ कोविशील्ड पूरी तरह सुरक्षित, घबराएं नहीं

 Bhagalpur तीसरा जैब जल्द? सीरम इंस्टीट्यूट ने डीसीजीआई से कोविशील्ड को बूस्टर डोज के रूप में अनुमति देने को कहा

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  कोरोना से बचाव की वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. यह इंजेक्शन पूरी तरह सुरक्षित है. इस तरह के टीकों का जो दुष्प्रभाव भी होता है वह तात्कालिक होता है. टीका लगने के  महीने बाद उसकी भी आशंका न के बराबर रह जाती है. यह कहना है कि केजीएमयू रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और कोविड टीकाकरण के उत्तर प्रदेश के ब्रांड एम्बेसडर रहे प्रो. सूर्यकान्त का.

कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर चल रही खबरों के बीच प्रो. सूर्यकान्त ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि देश में करोड़ों लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई लेकिन अधिकृत रूप से वैक्सीन के दुष्प्रभाव का कोई मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि  डॉक्टर होकर भी उन्होंने कोविड टीकाकरण के पहले दिन पहली डोज और वह भी कोविशील्ड का ही लगवाया था. वैक्सीन लगवाये हुए  साल से अधिक बीत चुके हैं. दुष्प्रभाव के संकेत शरीर में नहीं देखे. इसका दुष्प्रभाव भी बड़े ही दुर्लभ मामलों में देखे जा सकते हैं जो कि लाखों-करोड़ों में - हो सकते हैं.

डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि एस्ट्रोजेनिका एवं कोविशील्ड के मामलों में थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपीनिया सिंड्रोम (टीटीएस) की स्थिति दुर्लभ स्थितियों में ही बन सकती है. प्लेटलेट्स कम होने की दशा में हार्ट अटैक हो सकता है. यह स्थिति भी  महीने के भीतर ही देखने को मिल सकती है. अब तो वैक्सीन लगे हुए भी  से  साल हो गए हैं. लिहाजा घबराने की कोई बात नहीं है. डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि खून के थक्के जमने के बहुत से कारण हो सकते हैं. केवल वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है.

 

वेज बिरयानी खाकर  कर्मी पड़े बीमार

वेज बिरयानी खाने से तहसील स्थित वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर में तैनात  कर्मचारियों की तबीयत  पहर बिगड़ गई. सूचना पर पहुंचे एसडीएम ने निजी अस्पताल पहुंचाया,जहां  को प्राथमिक उपचार कर छुट्टी दे दी गई जबकि  को भर्ती करना पड़ा. तबीयत में सुधार के बाद तीसरे कर्मचारी को को बी रात करीब 10 बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

 

मथुरा न्यूज़ डेस्क

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