उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क शहर की सड़कें यूं ही नहीं धंस रही हैं. पूर्व में तैनात रहे इंजीनियरों की लापरवाही का खामियाजा आमजन और मौजूदा इंजीनियर भुगत रहे हैं. केबल और पाइपलाइन बिछाने के फेर में शहर की अधिसंख्य सड़कें नीचे से खोखली हो गई हैं. नगर निगम ने सर्वेक्षण कराया तो यह सच्चाई सामने आई. बिजली की केबल क्षतिग्रस्त हुई तो इंजीनियरों ने दूसरी बिछा दी. पाइपलाइन टूटी तो उसे ज्यों का त्यों छोड़कर बगल में दूसरी डाल दी. समय बीतने के साथ सड़कों के नीचे तार, केबल, पाइप पड़ते चले गए.
सड़कों की स्थिति जानने के लिए कुछ समय पहले नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने लाटूश रोड पर एक किलोमीटर तक रडार सर्वे कराया. इसी तरह अलीगंज में कपूरथला से महानगर के बीच में सर्वेक्षण कराया गया. यह सर्वेक्षण रिमोट सेंसिंग की मदद से किया गया. लाटूश रोड के नीचे सैकड़ों बिजली के निष्प्रयोज्य केबल, टेलीफोन की लाइनें, पानी की पाइपलाइनें मिली हैं. केबल और पापइलाइनों का पूरा जाल सड़क के नीचे है जिसके ओर-छोर का किसी को पता नहीं. बिजली विभाग, बीएसएनएल, जलकल के इंजीनियर जिन्होंने पूर्व में कार्य कराया उनमें से ज्यादातर रिटायर हो चुके हैं.
कई बार धंस चुकी है राजधानी में सड़कें
● 3 मार्च को विकास नगर में सड़क धंसने से 20 फुट गहरा गड्ढा हुआ, एक कार फंस गई
● 11 सितम्बर 20 को शहर के प्रमुख 1090 चौराहे के पास सड़क एक किनारे पर धंस गई
● दिसम्बर 20- लोकभवन से एक किलोमीटर की दूरी पर लालबाग गर्ल्स कॉलेज के बाद सड़क अचानक धंस गई
● नवम्बर 20- विकास नगर सेक्टर 4 में अचानक सड़क में फुट गहरा गड्ढा हो गया
विभागों से पूछा जा रहा है कहां कितने केबल?
नगर निगम के मुख्य अभियंता महेश वर्मा के अनुसार महानगर और अलीगंज समेत कुछ अन्य इलाकों में रिमोट सेंसिंग की मदद से सड़क के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने का कार्य अभी चल रहा है. ऐसे में संबंधित विभागों से पूछा जा रहा है कि उनकी केबल या पाइपलाइन कहां है.
मथुरा न्यूज़ डेस्क