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Mathura  आरके चौधरी से चार हफ्ते में जवाब तलब

तलब

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मोहनलालगंज से सपा सांसद आरके चौधरी को उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर चार सप्ताह में लिखित जवाब देने का आदेश दिया है. उक्त निर्वाचन याचिका में जाति-धर्म के आधार पर वोट मांगने का आरोप लगाया गया है. पिछली सुनवायी पर न्यायालय ने याचिका पर विचार की आवश्यकता जताते हुए, नोटिस जारी किया था. मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने ज्ञानी की याचिका पर पारित किया. याची की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने दलील दी है कि चुनाव के दौरान न सिर्फ प्रत्याशी बल्कि उसकी पार्टी के द्वारा भी ‘पीडीए’ शब्द का बारम्बार प्रयोग किया गया. आरोप लगाया गया है कि 12 मई 2024 की चुनाव रैली में मोहनलालगंज में आरके चौधरी ने खुलेआम जाति व धर्म के नाम पर वोट मांगे. कहा गया है कि सोशल मीडिया साइटों पर भी चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से आरके चौधरी व उनकी पार्टी द्वारा जाति, धर्म व समुदाय के आधार पर वोट मांगे गए. दलील दी कि चौधरी चुनाव जीत गए लेकिन जन प्रतिनिधित्त्व अधिनियम की धारा 123 (3) के तहत चुनाव रद्द होना चाहिए.

अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई हो रही ’

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवायी के दौरान कहा कि रिकॉर्ड देखने से प्रतीत है कि सरकार चिकित्सा सेवा से जुड़ी अवैध गातिविधियों पर कार्रवाई कर रही है, लिहाजा यह नहीं कहा जा सकता कि दायित्व निभाने में प्रतिवादीगण असफल हैं. यह टिप्पणी मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने पवन कुमार सिंह उर्फ पवन की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर की. याचिका में 2024 की स्थानांतरण नीति लागू करते हुए, सीतापुर जनपद में चिकित्सा सेवा में अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई की मांग की थी.

महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए ‘मेरी सहेली’

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक मामले की सुनवायी के दौरान रेलवे की ओर से बताया गया कि महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए ही ‘मेरी सहेली’ योजना लायी गई है. कहा गया कि उक्त योजना का विवरण सभी सुरक्षा आयुक्तों को भेज दिया गया है ताकि महिला यात्रियों की सुरक्षा के सम्बंध में रणनीति स्पष्ट रहे. रेलवे के उक्त जवाब के बाद न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 जनवरी 2025 की तिथि नियत की है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने 2016 की मऊ घटना शीर्षक से दर्ज स्वत: संज्ञान याचिका पर पारित किया.

 

 

मथुरा न्यूज़ डेस्क

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