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Mandi स्थानीय कस्बे से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान कागजों तक ही सिमट कर रह गया

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मंडी न्यूज़ डेस्क ।। स्थानीय नगर से सटे ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता अभियान सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत होने के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। नाले डंपिंग साइट बन गए हैं और उनसे निकलने वाली दुर्गंध ने ग्रामीणों का जीना दूभर कर दिया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने भी साफ-सफाई के प्रति लापरवाही से आंखें मूंद ली हैं। ग्रामीणों ने इस संबंध में एनजीटी से कार्रवाई की मांग की है।

जोगिंदरनगर शहर की सीमा के साथ लगते गरोडू के पास नाले में फैली गंदगी ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान के दावों की पोल खोल दी है। ग्रामीण क्षेत्र लोअर गरोडू पंचायत की प्रारंभिक सीमा बाबा बालकरूपी मंदिर के स्वागत कक्ष के बगल का नाला भी गंदगी से भरा हुआ है। राहगीर निशि कुमारी, विनोद, रमेश, राजेंद्र व अन्य ने कहा कि स्वच्छता अभियान सिर्फ कागजों तक ही सीमित है. धरातल पर कोई काम नजर नहीं आ रहा है.

बता दें कि जोगेंद्रनगर शहरी क्षेत्र के साथ लगती कुछ पंचायतों में नगर पालिका ने डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण भी शुरू कर दिया है। इसमें पहले लोअर गरोडू पंचायत, ढेलू और हर गुनैनी पंचायत के कुछ हिस्से भी शामिल थे। हालांकि, इन पंचायतों के कुछ हिस्सों में अब भी कूड़े का ढेर देखा जा सकता है. जोगिंदरनगर शहर के साथ लगते मकड़ैना और ढेलू गांवों की मुख्य सड़कों पर कूड़े के ढेर राहगीरों को भी परेशान कर रहे हैं, खंड विकास अधिकारी चौंतड़ा सरवन कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत पंचायत प्रतिनिधियों के लिए बजट उपलब्ध है. क्षेत्रों में किया जाता है। पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक में मामले को गंभीरता से उठाया जायेगा और आवश्यक कार्रवाई की जायेगी

हिमाचल न्यूज़ डेस्क ।।

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