Madhubani दागियों-गुंडों पर पुलिस की निगरानी हुई तेज, नगर, मुफस्सिल और सहायक क्षेत्र में 150 से अधिक हैं दागी
बिहार न्यूज़ डेस्क थाना के नजर में दागियों और गुंडा पर पुलिस की निगरानी तेज कर दिया गया है. संबंधित लोगों को सूचना देकर थाना में परेड शुरू कर दिया गया है. सभी दागियों को थाना में पहुंच कर हाजिरी देना पड़ रहा है.
हाजरी नहीं देने वाले दागियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी कर सकती है. पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने बताया कि पिछले कई दिनों से गुंडा पंजी में शामिल लोगों और दागी लोगों की निगरानी का कार्य नहीं हो रही है. सभी थानाध्यक्षों को अपने क्षेत्रों के दागी और गुंडा पंजी में शामिल लोगों पर निगरानी करने का आदेश दिया गया है. साथ ही संबंधित लोगों को थाना बुलाकर उनकी स्थिति से अवगत होने और जिला मुख्यालय को कराने का आदेश दिया है. एसपी वैभव शर्मा ने बताया कि रिकॉर्ड के अनुार जिले में करीब 2500 से अधिक लोगों को दागी माना गया है. साथ ही करीब 5 हजार से अधिक लोगों का नाम थाना व ओपी के गुंडा पंजी में नाम शामिल है. नगर थाना क्षेत्र में करीब 51, मुफस्सिल थाना क्षेत्र में करीब 50 और सहायक थाना क्षेत्र में करीब 50 से 55 लोग दागी व गुंडा पंजी में शामिल लोग हैं. इन लोगों पर निगरानी रखने के लिए परेड शुरू किया गया है.
इन लोगों का नाम रहता है गुंडा पंजी में दाखिल
पुलिस पदाधिकारी के अनुसार आरक्षी हस्तक नियम 1316 (क) के अनुसार अपराध शैली के आधार पर गुंडों का वर्गीकरण किया गया है. उन्होंने बताया कि शराबी, दबाब डालकर पैसा ऐंठने वाले, मादक पदार्थों का अवैध कारोबार करने वाले, महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले,कालाबाजारी करने वाले, दंगाई करने वाला, मुकदमेबाज, तोड़फोड़ करने वाले आदि ने नाम इनमें शामिल हैं.
सक्रिय अपराधकर्मी को कहा जाता है दागी
पुलिस पदाधिकारी के अनुसार वैसे व्यक्ति जो सक्रिय अपराधकर्मी होते हैं. जिनके द्वारा लगातार लूट, हत्या, डकैती, आर्म्स एक्ट आदि से जुड़े बदमाशों की सूची पुलिस तैयार करते हैं. आरोपियों को तब दागी माना जाता है, जब उनके खिलाफ आरो पत्र दायर कर दिया जाता है. संबंधित आरोपियों की सूची बनाकर थाना स्तर से डीएम और पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजा जाता है
मधुबनी न्यूज़ डेस्क