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Madhubani हड़ताल पर गये न्यायालय कर्मी,व्यवस्था अस्त-व्यस्त

बिहार न्यूज़ डेस्क सिविल कोर्ट मधुबनी के न्यायालय कर्मचारी  विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने से पूरी व्यवस्था चरमरा गई. दूर दराज से आए लोग दिन भर परेशान रहे. कोई पैरवी दाखिल करने तो कोई डेट लेने के लिए बेचैन दिखे.

विभिन्न थानों से कैदी लेकर आए पुलिसकर्मी भी परेशान दिखे. कोर्ट दफ्तर में कर्मचारी मौजूद नहीं रहने से पुलिस कैदी लेकर इधर-उधर भागते दिखे. कोर्ट इजलास पर पीठासीन पदाधिकारी लेकिन कर्मचारी शुरू से ही गायब नजर आए. फाइलिंग काउंटर पर कर्मी के नदारद होने से अधिवक्ता लिपिक परेशान दिखे. दोनों संवर्ग के कर्मचारी कोर्ट कैंपस में जमा होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वे दिनभर आंदोलन पर बैठे रहे. सभी विभागों में मिली पदोन्नति तो फिर न्याय विभाग में क्यों रुकी उन्नति. हड़ताल हमारा शौक नहीं मजबूरी है के नारे लगाते रहे. हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से कई अधिवक्ता से भी मिले और उन्हें अपना नैतिक समर्थन दिया. तृतीय वर्गीय कर्मचारी संघ के सचिव राजीव कुमार झा एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संघ के सचिव दीपक चौधरी ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में वेतन विसंगति को दूर करने, सभी संवर्ग के कर्मचारियों को शीघ्र प्रोन्नति देने, अनुकंपा पर शत प्रतिशत बहाली करने एवं विशेष न्यायिक कैडर लागू करने की मांग शामिल है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी संघ वर्षों से मांग दोहराते आ रहे हैं लेकिन उनके मांगों पर सरकार विचार नहीं की. उन्होंने कहा की थक-हारकर कर्मचारी महासंघ ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है.

इजलास के बाहर सन्नाटा चिट्ठी लेकर भटकते रहे

दिनभर गुलजार रहने वाला कोर्ट इजलास का बाहरी क्षेत्र  सुनसान नजर आया. अंदर पीठासीन पदाधिकारी तथा बाहर न्यायाधीश के सुरक्षा गार्ड बैठे नजर आए. शुरू में इक्का-दुक्का अधिवक्ता एवं पक्षकार आते दिखे लेकिन जैसे-जैसे लोगों को कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने की जानकारी मिलती गई लोग बैरंग वापस लौटने लगे. जेल से आए कर्मचारी चिट्ठी रिसीव कराने के लिए दिनभर भटकते रहे. विभिन्न थानों से आए पुलिसकर्मियों का भी कमोबेश यही हाल रहा. हड़ताल जारी रही तो  को इसका असर और बढ़ सकता है.

 

मधुबनी  न्यूज़ डेस्क

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