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Madhubani संकेतक नहीं रहने से नेपाल की बजाय पहुंच रहे बंगाल

बिहार न्यूज़ डेस्क ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों के निर्माण व मेंटेनेंस की स्थिति में कार्य स्थलों पर डायवर्सन के जगहों पर सांकेतिक बोर्ड नहीं रहने का खामियाजा इन दिनों आम वाहन सवारों को भुगतना पड़ रहा.जब जाना रहता है नेपाल और चला जाता है बंगाल।

बरैल बरहाड़ा मेन रोड सहित अन्य विभिन्न निर्माण और मेंटेन वाले सड़कों से होकर गुजरने वाले वाहन सवार डायवर्सन के जगह से भटक जा रहे हैं.बरैल बरहाड़ा रोड पर एसएच- स्टेट हाइवे के बदले एनएच- राष्ट्रीय राजमार्ग पर भटक कर सवार चले जा रहे.चूंकि एसएच से फुलपरास व लौकहा के एनएच तक पहुंचने में दूरी का अंतर महज दो से तीन किमी है.जिससे सवार कंफ्यूज हो रहे और सौ-सौ किमी अधिक दूरी सफर करते बंगाल तक पहुंच जा रहे हैं.नेपाल तथा प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के अन्य इलाकों के सवारों का अधिकांशत: क्षेत्र की सड़कों से होकर आना जाना लगा रहता है।

उन्हें डायवर्सन के जगह से होकर गुजरना पड़ता है।

बक्साही के अर्जुन यादव सप्ताह भर पहले ठंड में ठिठुरते हुए बाइक से एसएच के बदले एनएच पहुंच गया.बरैल बरहाड़ा रोड पर डायवर्सन के जगह से भटक गया.वह नेपाल के बजाय बंगाल पहुंच गया.परिजनों के सहारे वह घर लौटे।

बैरिया के झींगुर सदाय चार दिन पहले मधुबनी लौकहा मेनरोड पर पिपरघाट ब्रिज के पास डायवर्सन के जगह से भटक गए.वह लौकहा एनएच से दूसरे जिला सीतामढ़ी पहुंच गए.डायवर्जन जगह पर संकेत का बोर्ड रहता तो नहीं भटकना पड़ता।

संकेतक बोर्ड लगाने के लिए संवेदक को निर्देश दिए गए हैं.कार्य स्थलों पर शुरू व अंतिम भाग में सांकेतिक बोर्ड लगेगी।

-विजय कुमार ठाकुर, अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग जयनगर डिविजन

मधवापुर के उमाशंकर पंडित नेपाल के लहान, बरियारपट्टी के लिए सप्ताह भर पहले एसएच से भटक कर एनएच पर पहुंच गए.डायवर्सन जगह पर संकेतक बोर्ड नहीं दिखने पर एनएच पर उत्तर के बजाय दक्षिण दिशा की ओर बढ़ गए थे।

 

मधुबनी  न्यूज़ डेस्क

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