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Lucknow  नाटक में दिखाया तुलसीदास ने लोकप्रिय बनाई रामकथा
 

Faizabad विश्व शांति आश्रम में रामकथा शुरू


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  महाकवि तुलसीदास के जीवन के दो पहलुओं से प्रेरित नाटक महाबली का मंचन  संगीत नाटक अकादमी में किया गया. दर्पण हीरक जयंती के तहत राष्ट्रीय नाट्य समारोह में  दर्पण गोरखपुर की ओर से नाटक किया गया.
नाटक में दिखाया गया कि तुलसीदास के समय में रामकथा वाल्मीकि कृत रामायण के रूप में केवल संस्कृत में ही उपलब्ध थी. तुलसीदास ने रामकथा को लोकप्रिय बनाने के लिए अवधी भाषा में श्रीरामचरितमानस लिखने की पहल की. परिणाम स्वरूप उन्होंने एक विचार के लोकतंत्रीकरण का बीड़ा उठाया. नाटक का दूसरा पक्ष तुलसीदास और राजशक्ति के बीच संबंधों पर केंद्रित है. मंच पर आदित्य राजन, शरद श्रीवास्तव, सौरभ गुप्ता और सौरभ तिवारी समेत अन्य ने अहम भूमिका निभाई.
मनोज शर्मा के निर्देशन में नाटक को दर्पण के अभिनेता निर्देशक और प्रंबंध पारंगत विजय तिवारी को समर्पित किया गया. मुख्य अतिथि आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल एवं विजय तिवारी के परिवार के सदस्यों ने दीप प्रज्जवलन किया. मंत्री ने दर्पण की हीरक जयंती पर बधाई देते हुए कहा कि 10 दिवसीय समारोह में चुने नाटकों को प्रस्तुत कर दर्पण द्वारा कीर्तिमान रचा जा रहा है.

डॉ. आकांक्षा ने सबसे ज्यादा नेत्र सर्जरी की
बलरामपुर अस्पताल की नेत्र सर्जन डॉ. आकांक्षा सिंह ने लखनऊ में सबसे ज्यादा मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए हैं. एक साल में 1401 ऑपरेशन किए हैं. जबकि प्रदेश में डॉ. आकांक्षा ने 18 वां स्थान हासिल किया गया है.
सरकारी अस्पतालों में अंधता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मोतियाबिंद के ऑपरेशन मुफ्त होते हैं. साधारण व फेको तकनीक से मोतियाबिंद के ऑपरेशन हो रहे हैं. बलरामपुर अस्पताल की नेत्र सर्जन डॉ. आकांक्षा ने एक साल में 1401 ऑपरेशन किया है. सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता का कहना है कि अस्पताल में दूसरे स्थान पर नेत्र सर्जन डॉ. संजीव गुप्ता हैं. डॉ. संजीव ने 799 ऑपरेशन किए हैं.

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

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