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Lucknow  एलडीए के तीन सेवानिवृत्त इंजीनियरों से होगी वसूली

Manali विभाग जल्द ही डिफाल्टर पेंशनधारकों से वसूली करेगा

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  महानगर के शंकरपुरवा में गलत तरीके से बिल्डर के अपार्टमेंट का नक्शा पास करने वाले इंजीनियरों से सिविल सूट तैयार कर रिकवरी कराई जाएगी. जिन तीन इंजीनियरों के रिटायर हुए 3 वर्ष से अधिक हो गया है उन्हीं से रिकवरी होगी. अन्य चार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी. मामले में एलडीए के कुल सात इंजीनियरों को आरोपी बताया गया था. इन्होंने बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए उसकी टाउनशिप में ईडब्ल्यूएस व एलआईसी का नक्शा ही नहीं पास किया. इसकी जगह बड़े फ्लैट का नक्शा पास कर दिया.

शंकर पुरवा महानगर के खसरा संख्या 166 से 171 तथा 180, 181, 183, 203, 205 तथा 206 पर एलडीए के तत्कालीन इंजीनियरों ने ग्रुप हाउसिंग का नक्शा पास किया था. सरकार की नीति के अनुसार टाउनशिप में 20 ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के मकान बनाने अनिवार्य थे. एलडीए के इंजीनियरों को इन मानकों के अनुसार ही नक्शा पास करना था. इंजीनियरों ने बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के मकान बनाने के मानक का पालन नहीं किया. एलडीए इंजीनियरों ने 18 जून 2011 को इसका नक्शा पास किया था. सीएजी की ऑडिट में इसका खुलासा हुआ. विशेष सचिव उदयभानु त्रिपाठी ने में 15  20 को एलडीए उपाध्यक्ष को पत्र लिख कहा है कि प्रकरण में कोई वित्तीय अनियमितता है तो आनुपातिक रूप से देयता तय की जाए.

इन सात इंजीनियरों को बताया गया था जिम्मेदार

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जांच के बाद इस मामले में तत्कालीन अवर अभियंता बीसी सिंह जरिया, रमापति वर्मा, सहायक अभियंता नसीर अहमद, अधिशासी अभियंता प्रदीप कुमार, अवर अभियंता गंगेश कुमार, सहायक अभियंता जेके कंसल और दूधनाथ को जिम्मेदार ठहराया गया था. अब शासन ने इसमें अधिशासी अभियंता प्रदीप कुमार, जेके कंसल व दूधनाथ को सेवानिवृत्ति होने की वजह से कार्रवाई से मुक्त कर दिया है. वित्तीय अनियमितता पर सिविल सूट दायर कर वसूली का आदेश किया है.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

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