
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क रोडवेज बसों का किराया बढ़ा तो सफर करने वाले कम हो गए. इसका असर रोडवेज की आय पर पड़ा. नया किराया लागू होने के 6 माह बाद जब आकलन किया गया तो पता चला कि यात्रियों की संख्या में 7 फीसदी गिरावट आई है. इससे रोडवेज को पिछले वर्ष के मुकाबले समान अवधि में 77 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा.
चौंकाने वाले तथ्य आए
अप्रैल से अक्तूबर के बीच आय को लेकर की गई समीक्षा में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक किराया बढ़ाने के बाद यात्रियों की संख्या कम हो गई. इससे रोडवेज की आय भी प्रभावित हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यकुशलता का आभाव और मिलकर प्रयास नहीं करने से ऐसी स्थिति हुई है.
उपाय की तलाश में कमेटी गठित
किराया बढ़ाने से पहले प्रति बस यात्री लोड 70 फीसदी था वहीं किराया बढ़ाने के बाद घटकर 63 फीसदी रह गया. यात्रियों की संख्या और आय बढ़ाने के उपायों की तलाश के लिए जीएम संचालन के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर दी गई है. यह कमेटी यात्रियों की संख्या घटने की वजहों का भी पता लगाएगी. जानकारी के अनुसार साथ ही किराया कम करने के विकल्पों पर भी सुझाव देगी.
नाराज एमडी मासूम अली सरवर ने नौ 13 को एक चिट्ठी सभी आरएम और एआरएम को भेजी है, जिसमें रोडवेज बसों के खराब इनकम और व्यवस्था को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने सभी अफसरों को निर्देशित किया है कि आगामी माह में आय में सुधार नहीं होने पर कार्रवाई होगी.
कब-कब और कितना बढ़ा बसों का किराया
● 12 में चार पैसा प्रति किमी.
● 13 में चार पैसा प्रति किमी.
● 14 में पांच पैसा प्रति किमी.
● में सात पैसा प्रति किमी.
● में नौ पैसा प्रति किमी.
● में दस पैसा प्रति किमी.
● 23 में 25 पैसा प्रति किमी.
छह फरवरी को रोडवेज बसों का किराया बढ़ाया गया था. अप्रैल से अक्तूबर के बीच आय की समीक्षा की गई है. समीक्षा में आय बढ़ने के बजाए कम पाई गई. जिम्मेदार अफसर हैं. सुधार के लिए समय दिया है. मासूम अली सरवर, एमडी यूपीएसआरटीसी
लखनऊ न्यूज़ डेस्क