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Lucknow  रजिस्ट्री दफ्तर के कर्मचारियों को बचाने के लिए एफआईआर में खेल

Indore देवी अहिल्या हॉस्पिटल मैनेजर हरदिया के खिलाफ एफआईआर

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   रजिस्ट्री दफ्तर के अंदर जिल्द बुक से असली रजिस्ट्री निकाल कर फर्जी रजिस्ट्री रखकर करोड़ों का वारा न्यारा करने के लिये साजिश रची गई. इस तरह का फर्जीवाड़ा लखनऊ में पहली बार पकड़ में आया लिहाजा मामला तूल न पकड़ पाये, आनन फानन वजीरगंज कोतवाली में अलग-अलग दिन  एफआईआर दर्ज करा दी गई. जांच में सामने था कि जिल्द बुक को दफ्तर से बाहर ले जाये बिना खेल नहीं हो सकता. फिर भी एफआईआर में तत्कालीन प्रभारी रिकार्ड कीपर व अन्य को बचाया गया. ईओडब्ल्यू पड़ताल कर रही है रामकिशोर, फैय्याज के 

 

पकड़े जाने पर होंगे खुलासे

जमीन की रजिस्ट्री बदल कर फर्जीवाड़ा करने के मामले में विभूतिखंड कोतवाली में नामजद राम किशोर तिवारी और फैय्याज की तलाश में पुलिस जुटी हुई है. पर, इन नों का कुछ पता नहीं चल रहा है. दरअसल जेसीपी कानून व्यवस्था के यहां बने प्रकोष्ठ में  और फर्जीवाड़े के मामले आये है. इनमें राम किशोर तिवारी और फैय्याज पर ही आरोप लगाये गये है. इस शिकायती पत्र की जांच भी जेसीपी ने इंस्पेक्टर को सौंपी है.

विभूतिखंड कोतवाली में 17 फरवरी 2024 को इंजीनियर अजय कुमार सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें शिवानी सिंह, मुकेश यादव, रणविजय सिंह, विजय कुमार, फैयाज, राम किशोर तिवारी, बबलू गुप्ता, राजीव भटनागर, अमित व अन्य अज्ञात 15-20 वकीलों को आरोपी बनाया गया था. इसमें शिवानी सिंह की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी जबकि अन्य की तलाश की जा रही है. विकासनगर निवासी नीलम सिंह ने जेसीपी को प्रार्थना पत्र दिया है कि राम किशोर व फैय्याज ने  जमीन एलडीए की बताकर बेच दी थी. जेसीपी उपेन्द्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि मामले में जांच हो रही है.

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

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