Samachar Nama
×

Lucknow  फुटपाथ, फ्लाईओवर के पास पीते हैं शराब

तमिलनाडु में जहरीली शराब का कहर तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब से अब तक 34 लोगों की मौत की खबर है। वहीं, 70 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती बताए जा रहे हैं।

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  दिन में बैटरी रिक्शा, आटो और बसों से पॉलीटेक्निक चौराहे पर जाम की स्थिति बनती है तो शाम होते ही यहां जाम लगने का कारण बदल जाता है. शाम होते ही पॉलीटेक्टिनक चौराहे से मुंशी पुलिया की तरफ जाने के लिए जैसे ही मुड़ेंगे बाईं तरफ जिधर देखो उधर ‘जाम’ लड़ते नजर आते हैं. कोई फुटपाथ पर बैठकर, कोई फ्लाईओवर की दीवार से सटकर तो कोई दुकान के सामने ही कार में बैठकर, कोई कन्फेक्शनरी की दुकान के सामने खुलेआम ‘पीता’ नजर आता है. पुलिस भी मौजूद रहती है पर इन ‘पियक्कड़ों’ पर किसी की नजर नहीं जाती.

शाम से ‘ओपन बार’ सज जाता है

लखनऊ में कई ऐसे वीआईपी और सार्वजनिक स्थान हैं जहां शाम से ही ‘जाम’ लड़ने शुरू जाते हैं. इन स्थानों पर आमजन गुजरने से गुरेज करते हैं. हिन्दुस्तान ने अपने अभियान के तहत  पॉलीटेक्निक चौराहे का जायजा लिया. बता दें कि चौराहे से मुंशी पुलिया की तरफ जाने वाले रास्ते की शुरुआत में ही बाएं तरफ शाम से ‘ओपन बार’ सज जाता है. जिससे लोग परेशान होते हैं.

अगल-बगल के दुकानदार भी परेशान

इस ओपेन बार से आसपास के दुकानदार भी परेशान हैं पर, खुलकर कोई विरोध नहीं करता. एक प्रतिष्ठित दुकानदार बताते हैं कि शाम से रात तक यहां का माहौल ऐसा हो जाता है कि कोई शरीफ इंसान आने से कतराता है. शाम को उनकी दुकान पर ग्राहक आने बंद हो गए हैं. उन्होंने कई बार इसका विरोध किया पर लोग मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. आए दिन यहां लड़ाई झगड़ा होता रहता है. पीने वाले इतने आते हैं कि कई ठेले और खोमचे लग जाते हैं. इससे रात दस बजे तक यातायात बाधित रहता है.

चौराहे पर ही पुलिस बूथ फिर भी बाज नहीं आते

आश्चर्य की बात यह है कि चौराहे पर ही पुलिस बूथ है. इसके अलावा चौराहे पर हमेशा पुलिस तैनात रहती है पर, सड़क पर खुलेआम पीने वाले इससे बेखौफ रहते हैं. पुलिसकर्मी बीच-बीच में आकर इन पियक्कड़ों को भगाते भी हैं पर वे थोड़ी देर बाद फिर लौट आते हैं. इस बाबत यहां के आसपास के लोग बताते हैं कि पुलिस यदि चाह ले तो यहां का माहौल दुरुस्त हो सकता है. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा.

महिलाओं को खासी दिक्कत होती है यहां

यह लखनऊ के व्यस्त चौराहों में एक है. बड़ी संख्या में महिलाएं भी यहां से गुजरती हैं. एक प्रतिष्ठित स्कूल की शिक्षिका बताती हैं कि शाम को वह इस चौराहे से नहीं गुजरतीं. वह भूतनाथ होकर अपने घर जाती हैं. इससे उन्हें करीब दो किलोमीटर अधिक चलना पड़ता है. उन्होंने बताया कि उन्होंने कई बार देखा है कि चौराहे पर पीने वाले महिलाओं को फब्तियां कसते हैं.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

Share this story

Tags