Samachar Nama
×

Lucknow  चिंताजनक बुजुर्ग ही नहीं युवा भी पार्किंसन के शिकार

क्या है पार्किंसन बीमारी ? क्या है कोई मस्तिष्क का विकार ?

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  पार्किंसन रोग की चपेट में अब बुजुर्ग ही नहीं, युवा भी आ रहे हैं. 40 साल के युवाओं के हाथ में कम्पन, पॉश्चर में बदलाव, याददाश्त कमजोर व अवसाद समेत दूसरी समस्याओं के साथ अस्पतालों में न्यूरोलॉजिस्ट के पास पहुंच रहे हैं. यह बीमारी सिर में चोट लगने, आनुवांशिक समेत पर्यावरण विषमताओं की वजह से होती है. कोई सटीक इलाज नहीं है. दवाओं और स्वस्थ्य जीवन शैली से जोखिमों को कम किया जा सकता है. यह बातें  को पीजीआई में पार्किंसन रोग पर जागरूकता कार्यक्रम में संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग की डॉ. रुचिका टण्डन ने कहा. डॉ. रुचिका ने बताया कि बीमारी बढ़ने पर बदलाव और मनोदशा में गड़बड़ी के साथ-साथ बोलने और निगलने में दिक्कतें बढ़ जाती हैं.

बता दें कि पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग की ओर से  की सुबह संस्थान निदेशक डॉ. आरके धीमान के नेतृत्व में संस्थान में बीमारी की रोकथाम को लेकर जागरूकता रैली निकाली गई.

लक्षण

● हाथों में कम्पन, पॉश्चर में बदलाव, अकड़न

● याददाश्त कम होना, अवसाद, नींद से जुड़ी दिक्क्तें

इनसे बचें

● सिर की चोट से बचें

● कीटनाशक और पेस्टीसाइड्स से बचें, खेतों में काम करने में ग्लव्स का प्रयोग करें.

● खाने में फलों और सब्जियों के सूप का प्रयोग करें

● नियमित  मिनट व्यायाम से इस बीमारी से बचने में मदद मिलेगी.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

Share this story