Samachar Nama
×

Lucknow  हत्याकांड में तीन बरी, लचर विवेचना पर अदालत सख्त

Haridwar युवक की मौत के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  दो साल पुराने दहेज हत्या के मुकदमे का फैसला देते हुए एडीजे कोर्ट ने पति व सास-ससुर को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. इस केस की स्तरहीन विवेचना पर कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी की. विवेचना की कमजोरियां दर्ज करते हुए निर्देश दिया कि इसकी एक प्रति प्रमुख सचिव गृह और अभियोजन निदेशालय को सात दिन में भेज दी जाए, ताकि स्तरहीन विवेचनाएं न हों.

दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक जाजमऊ के संजय नगर निवासी इरफान की बहन कहकशां को पड़ोसी फजल प्रेमजाल में फंसाकर  दिसंबर  को भगा ले गया था. काफी खोजबीन के बाद पता लगा कि उसे फजल अपने साथ रखे है. बाद में दोनों ने निकाह कर लिया. दो फरवरी  को कहकशां की मौत हो गई. इरफान ने चकेरी थाने में ससुरालियों के खिलाफ दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई. सुनवायी में इरफान ने कोर्ट को बताया कि बहन से शादी के बाद फजल ने कारोबार के लिए एक लाख रुपये मांगे थे. मना करने पर उसने कई बार बहन को मारा-पीटा. जान से मारने की धमकी दी. उसे कई दिनों तक भूखा रखा. पता चलने पर उसे 50 हजार रुपये दिए थे. एक दिन छोटी बहन दरक्शां को कहकशां ने फोन पर बताया कि ससुराल वाले रुपये न मंगाने पर मारने की धमकी देते हैं. दो फरवरी की

रात फोन पर सूचना मिली कि कहकशां हैलट अस्पताल में है. हम लोग पहुंचे तो उसकी मौत हो चुकी थी. दहेज के लिए बहन की हत्या कर दी गई.

चार्जशीट में छह गवाह अधिवक्ता शकील ने बताया कि चकेरी पुलिस ने पति फजल, सास चुन्नी और ससुर रईस अहमद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. छह गवाह पेश किए गए. विवेचना तत्कालीन एसीपी मृगांक शेखर पाठक ने की थी. इसमें तमाम खामियां पाई गईं. जिससे अभियोजन के आरोपों पर संदेह पैदा हुआ. अभियोजन कोर्ट में अपराध साबित नहीं कर सका.

चार्जशीट केवल खानापूरी के लिए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि विवेचना में घोर लापरवाही बरती गई. सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी. कोर्ट ने इस आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह और अभियोजन निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए हैं. जिससे स्तरहीन विवेचनाओं से बचा जा सके.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

Share this story