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Lucknow  विधि क्षेत्र में व्यक्ति जीवन भर सीखता है : न्यायमूर्ति

Lucknow  विधि क्षेत्र में व्यक्ति जीवन भर सीखता है : न्यायमूर्ति
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  विधि  ऐसा क्षेत्र है जहां सीखने का सिलसिला पूरे जीवन चलता रहता हैं. तकनीक  बेहतर साधन है पर किसी भी साधन पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता घातक हो सकती है. यह साधन समय के साथ-साथ बदलते रहते हैं.
यह बातें हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने  डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय में आयोजित सेमिनार में कही. उन्होंने कहा कि पहले अधिवक्ता और छात्र मोटी किताबों में कानून के नियम ढूंढते थे पर अब टेक्नोलॉजी से यह प्रक्रिया आसान हो गई है. आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस कभी भी अधिवक्ताओं की जगह नहीं ले सकती.
फोरेंसिक-तकनीक से न्याय का मार्ग प्रशस्त होगा: फोरेंसिक यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर डॉ.जीके गोस्वामी ने कहा कि बिना साक्ष्य न्याय अधूरा हैं. आने वाले समय मे सात या अधिक वर्ष की सजा वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य हो जाएगी. अधिवक्ता मोहित सिंह ने कहा कि किस प्रकार सरकार टेक्नोलॉजी को विनियमित करने के लिए नए कानून लायी हैं. कुलपति प्रो.संजय सिंह, राष्ट्रीय संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार गौतम ने भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. इस दौरान 80 अभ्यर्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए. यहां समिति संयोजक सत्यम शिवम, विभागाध्यक्ष प्रो. एपी सिंह, प्रो. मनीष सिंह, डॉ.मिताली तिवारी,डॉ. विकास भाटी, ऋषि शुक्ला, सौम्या आदि रहे.

आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर वकील गिरफ्तार
सोशल मीडिया पर हिन्दू धर्म के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में अधिवक्ता को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी पर कृष्णानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था. इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह के मुताबिक कानपुर रोड निवासी रवींद्र बाजपेई ने अचल सिद्धार्थ के खिलाफ शिकायत की थी. आरोप था कि सिद्धार्थ ने  यूट्यूब चैनल बनाया है. जिसके जरिए वह हिन्दू धर्म के लिए अमर्यादित टिप्पणी पोस्ट करता है.
इस आधार पर पेशे से अधिवक्त सिद्धार्थ अचल यादव को गिरफ्तार किया गया है.

लखनऊ न्यूज़ डेस्क
 

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