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Lucknow  मलेरिया का वायरस अब दिमाग पर कर रहा हमला

डेंगू के मामले बढ़े    आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, इंदौर में नवंबर के दूसरे सप्ताह में डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी गई है, क्योंकि पहले सप्ताह में कम रिपोर्टिंग हुई है। मलेरिया कार्यालय के रिकॉर्ड से पता चलता है कि जिले में 7 से 14 नवंबर के बीच 94 डेंगू के मामले दर्ज किए गए थे, जो 1 नवंबर से 7 नवंबर के बीच 24 संक्रमणों की तुलना में अधिक थे। पहले सप्ताह में, अधिकारियों ने 1 नवंबर को किसी भी मामले की रिपोर्ट नहीं की। 3 और 4 छुट्टियों के कारण, कुल मामलों की संख्या में भारी कमी आई है। जिला मलेरिया अधिकारी दौलत पटेल ने कहा, 'छुट्टियों के दिन फील्ड टीमें काम नहीं करती हैं, इसलिए इन दिनों सैंपल कलेक्शन और सर्वे का काम नहीं किया जाता है. इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के 85 वार्डों में औसतन आठ से दस हजार घरों में फॉगिंग और सर्वेक्षण के लिए मलेरिया अधिकारियों के साथ 12 टीमें हैं। पटेल ने आगे कहा,

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   मलेरिया पैरासाइट दिमाग पर हमला कर रहा है. इसमें मरीज को झटके आते हैं. इलाज में देरी से मरीज की जान जोखिम में पड़ सकती है. जांच रिपोर्ट के आधार पर इलाज से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.

केजीएमयू मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र आतम का कहना है कि प्रदेश भर से मलेरिया के मरीज आ रहे हैं. सबसे ज्यादा मई से अक्तूबर के बीच मरीज आते हैं. इस दौरान600 मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि दिमाग पर मलेरिया पैरासाइट के हमले से मरीज की हालत गंभीर हो जाती है. चिकित्सा विज्ञान में इसे सेरेब्रल मलेरिया कहते हैं. इसमें मरीज को दिमागी बुखार आता है. मरीज को झटके आते हैं.

लखनऊ में घट रहे मलेरिया मरीज लखनऊ में साल दर साल मलेरिया का प्रकोप कम हो रहा है. गुजरे छह वर्षों में मरीजों की संख्या 168 से घटकर 97 तक पहुंच गई है. वर्ष 2020 में तो  लोग मलेरिया कही चपेट में आएं.

● लक्षण महसूस होने पर जांच कराएं

● दवाएं डाक्टर के परामर्श पर ही लें

● मच्छरदानी का प्रयोग करें

● आसपास पानी का जमाव न होने दें

● पानी के बर्तनों को ढककर रखें

● कूड़ेदान का प्रयोग करें और ढक्कन खुला न रखें

● शयनकक्ष में कीटनाशक का छिड़काव भी कर सकते हैं

● फुल आस्तीन के कपड़े पहनें

इलाज को लेकर भम्र

डॉ. वीरेंद्र का कहना है कि मलेरिया के लक्षण इन्सेफालाइटिस से मिलते-जुलते हैं. इसलिए लक्षणों के आधार पर बीमारी का इलाज कठिन हो जाता है. इसलिए कंपकपी के साथ बुखार आने पर तुरंत जांच करानी चाहिए. संयुक्त निदेशक मलेरिया डॉ. विकास सिंघल ने लोगों से अपील की कि मलेरिया उन्मूलन में सामुदायिक सहभागिता जरूरी है. किसी को मच्छर नजर आए तो उसको भगाने के उपाय करने चाहिए. अपने आसपास साफ सफाई रखना चाहिए. अगर बुखार आ जाए तो खुद इलाज न करें. पास के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर से परामर्श करें.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

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