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Lucknow  काकोरी में पूर्व ब्लॉक प्रमुख पर हमले का मुख्य सजिशकर्ता हुआ गिरफ्तार

गिरफ्तार

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  भाजपा नेता एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख पर हमले की साजिश करीब डेढ़ माह पूर्व से रची जा रही थी. घटना के मुख्य आरोपी का भाई दुराचार के आरोप में डेढ़ महीने पहले जमानत पर छूटा था. इसके बाद से ही मुख्य आरोपी अपने भाई और साथी के साथ हमले की योजना पर काम कर रहा था. यह खुलासा गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी शुभम उर्फ मोनू रावत ने पुलिस की पूछताछ में किया है.

आज ब्लॉक प्रमुख को छोड़ना नहीं है... पूछताछ में शुभम रावत ने पुलिस को बताया कि  तेज किशन खेड़ा निवासी संदीप राजपूत का तिलक था. जिसमें पूर्व ब्लॉक प्रमुख को आना था. शुभम ने अपने साथियों से कहा कि यह बदला लेने का अच्छा मौका है. इतनी गोलियां बरसाएंगे की राम विलास जिंदा नहीं बचेगा. यह बात हमले में शामिल शुभम और ज्ञानेंद्र ने अपने साथियों से कही थी. योजना के मुताबिक सभी लोग तेजकिशन खेड़ा पहुंचे थे. तिलक समारोह स्थल से कुछ दूरी पर सभी लोग राम विलास का इंतजार करते रहे. उन्हें गाड़ी की तरफ बढ़ते देख शुभम रावत ने भाई अखिलेश, दोस्त रिंकू, रितेश, ज्ञानेंद्र लोधी, श्रीकृष्ण और रामकेस के साथ गोलियां बरसाई. जिसमें किसान अनंत राम की मौत हो गई. वहीं, राम विलास, अमित कुमार और जयकरन गम्भीर घायल हो गए.

रेप के मुकदमे की पैरवी भी रही वजह शुभम रावत उर्फ मोनू का भाई अखिलेश दुराचार के आरोप में जेल गया था. इस मुकदमे में शुभम भी आरोपी था लेकिन बाद में उसका नाम हट गया. उसे शक था कि राम विलास ने ही मुकदमे में फंसाया है. वह लगातार पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी भी कर रहे थे. पूर्व ब्लॉक प्रमुख राम विलास सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर को मामा कहते हैं. वहीं, शुभम रावत भी सांसद का करीबी था.

चुनावी रंजिश के बाद शुभम रावत को लगता था कि राम विलास के कारण ही सांसद ने दूरी बना ली है.डीसीपी पश्चिम दुर्गेश कुमार ने बताया कि पूछताछ में शुभम ने बताया कि वह भी राजनीति में दखल चाहता था. जिसमें पूर्व ब्लॉक प्रमुख राम विलास रावत बाधा बन रहे थे.

 

 

लखनऊ न्यूज़ डेस्क

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