![सिर्फ लोकसभा चुनावों के नतीजों में ही नहीं Google सर्च में भी PM Modi से भाजपा से आगे निकले राहुल गांधी, देखे आंकड़े](https://samacharnama.com/static/c1e/client/79965/uploaded/8373d6c90ecf6a11007bcd442a1f964d.webp?width=730&height=480&resizemode=4)
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क लखनऊ और मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र में भाजपा के मजबूत किले में इंडिया गठबंधन ने सेंध लगा दी. लखनऊ में दूसरे और तीसरे नंबर की राजनीति करने वाली सपा को कांग्रेस का साथ मिला तो भाजपा को हिला दिया. सपा के प्रदर्शन ने सभी को चौंका दिया. यह चुनाव दोनों लोकसभा क्षेत्र के विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी है. हालांकि राजनीतिक के जानकार मानते हैं कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में एक जैसा कभी मतदान नहीं दिखा. हर क्षेत्र के मुद्दे, चुनावी तासीर अलग होती है तो मतदान भी जुदा ही रहता है.
लखनऊ की पांच विधानसभा क्षेत्रों में से तीन में भाजपा तथा दो में सपा के विधायक हैं. मोहनलालगंज की पांचों विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के ही विधायक हैं. इसके बावजूद राज्यमंत्री कौशल किशोर 70 हजार से अधिक वोटों के अंतर से चुनाव हार गए. चुनाव परिणाम आने के बाद कुछ विधायक दलील देने लगे कि यह भाजपा की नहीं बल्कि प्रत्याशी की अपनी हार है. प्रत्याशी के प्रति लोगों की नाराजगी थी न कि भाजपा के प्रति. मोहनलालगंज में सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी आरके चौधरी ने पहले चक्र से ही बढ़त बना ली थी. लगातार हर चक्र के मतों की गिनती में आगे ही रहे. जीत का अंतर लगातार बढ़ते रहने के कारण शुरुआत से ही परिणाम को लेकर इंडिया गठबंधन के लोग उत्साहित रहे. हालांकि बीकेटी और सरोजनी नगर में भाजपा आगे रही लेकिन मोहनलालगंज, महिलाबाद और सिधौली ने मुश्किल में डाल दिया. सिधौली में तो करीब 55 हजार वोटों का अंतर भाजपा प्रत्याशी पर भारी पड़ गया.
उधर, आखिरी के पांच चक्रों के बाद भाजपा खेमे में निराशा छा गया. मतगणना एजेंटों में बेचैनी साफ देखी जाने लगी. कुछ तो मतगणना के बीच से ही निकल गए.
वहीं लखनऊ में भी कड़ी टक्कर देखने को मिली. सपा विधायक वाले दोनों क्षेत्रों में भाजपा पिछड़ गई. लखनऊ मध्य से खुद इंडिया गठबंधन उम्मीदवार रविदास मेहरोत्रा थे तो लखनऊ पश्चिम से अरमान खान. दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी को बढ़त दिलाकर मजबूत स्थिति का अहसास करा दिया. अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को यह संदेश देने में कामयाब रहे कि क्षेत्र में उनकी पकड़ अभी बनी हुई है. कैंट, उत्तर तथा लखनऊ पूर्वी में भाजपा ने अपना दबदबा बनाए रखा. यही राजनाथ सिंह को जीत के मुकाम तक पहुंचा दिया.
लखनऊ न्यूज़ डेस्क