उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क लखनऊ में मशीनों से रात के वक्त सड़कों पर झाडू लगाने के नाम पर बड़ा घपला हो रहा है. नाइट स्वीपिंग मशीनों का डीजल कर्मचारी और ड्राइवर बेच रहे थे. करीब आधा दर्जन से अधिक मशीनें एक जगह खड़ी कर उन्हें सफाई के लिए रात भर चलाने की रिपोर्ट दे रहे हैं. इस तरह रोजाना हो रही डीजल की चोरी के पैसों में सभी हिस्सेदारी सामने आ रही है. स्वीपिंग मशीनों से डीजल चोरी का वीडियो वायरल होने के बाद सफाई ठेकेदार के सुपरवाइजर और ड्राइवर हटा दिया गया है.
नगर निगम चेता, वीडियो रिकार्डर भी लगेगावीडियो वायरल होने के बाद नगर निगम ने ड्राइवर और सुपरवाइजर को हटा दिया है लेकिन ठेकेदार पर अफसरों की कृपा बनी है. निगम ने सभी गाड़ियों में जीपीएस और वीडियो रिकार्डर लगवाने का आदेश दिया है. ठेकेदार ने अपनी दो गाड़ियों में जीपीएस, वीडियो रिकार्डर लगवाया लेकिन नगर निगम की सात गाड़ियों में नहीं है.
सुपरवाइजर ने ड्राइवरों से कहा, वीआईपी दौरे में ही गाड़ी चलाना, बाकी खड़ी रखना, हम देख लेंगे
सुपरवाइजर वीडियो में सभी ड्राइवरों से कह रहा है कि देखो वीआईपी मूवमेंट पर ही गाड़ी चलानी है. बाकी समय बंद रखना. रात में भी गाड़ी मत चलाना. कम से कम दो हजार रुपए का डीजल एक गाड़ी में बचेगा. इसमें प्रति गाड़ी एक हजार रुपए रोजाना उसे दे देना. एक हजार में हम तीन हिस्सा लेंगे. बाकी तुम्हारा होगा. 90 से 100 लीटर डीजल रोज दिलाने पर इतना पैसा देना होगा. एक मशीन के लिए इतना पैसा देना होगा. नौ मशीनें चलती है. वीडियो में ड्राइवरों को कह रहा है कि 15 दिन का हिसाब ठीक नहीं. रोज का हिसाब रवि को दे देना होगा.
पिछला इंजन मत चलाओ रफ्तार को मैं देख लूंगा..
सुपरवाइजर वीडियो में कह रहा है कि जो मिलता है, अकेले वही नहीं रखता है. तीन में बंटवारा होता है. जरूरी होने पर ही ढाई घंटे मशीन चलाना. दिखाने के लिए नाइट स्वीपिंग मशीन का आगे का इंजन चलाना. इससे कम डीजल लगेगा. इसे 10 की स्पीड पर चलाना. 30 की दिखाने की जिम्मेदारी उसकी है.
गाड़ी कितना चली और जीपीएस का जिम्मा हमारा
वीडियो में सुपरवाइजर यह भी कह रहा है कि गाड़ी कितने किलोमीटर चली है, इसे दिखाने की जिम्मेदारी हमारी है. जीपीएस की चिंता मत करो. वह जीपीएस में भी खेल की बात कर रहा है मगर पूरा जोर डीजल चोरी पर है. सुपरवाइजर ड्राइवरों से कह रहा है कि कहीं चलाओं न चलाओं मैं सब देख लूंगा.
लखनऊ न्यूज़ डेस्क