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Lucknow  जुलाई में 40 से 50 भाजपा जिलाध्यक्ष बदलेंगे, लंबे समय से जमे और गंभीर शिकायतों वाले अध्यक्ष किए गए चिन्हित
 

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  सब कुछ ठीक रहा तो अगले महीने भाजपा के तीन से चार दर्जन जिलाध्यक्ष बदल जाएंगे. प्रदेश संगठन इन दिनों इसी कवायद में जुटा है. हटाए जाने वाले तमाम नाम चिन्हित हो चुके हैं. जिन जिला और महानगर अध्यक्षों को बदलने की तैयारी है, उनकी संख्या 40 से 50 तक हो सकती है.
मिशन-2024 के लिए भाजपा सरकार और संगठन के स्तर पर चीजें दुरुस्त करने में जुटी है. भाजपा के कई जिला और महानगर अध्यक्षों को पार्टी ने येन केन प्रकारेण दूसरा कार्यकाल दे दिया. जब हटने की बारी आई तो पहले निकाय चुनावों ने कई महीने गाड़ी खींच दी. फिर नंबर आया तो मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर महीने भर के महाजनसंपर्क अभियान ने अभयदान दिलवा दिया. लंबे समय से पदों पर जमे इन जिलाध्यक्षों को हटाने की कवायद एक बार फिर तेज हो गई है. दरअसल, भाजपा के प्रदेश में 98 संगठनात्मक जिले हैं.
एमएलसी बन चुके अध्यक्ष हटेंगे बदले जाने वाले अध्यक्षों की सूची में कई श्रेणियों के नाम शामिल हैं. पहले वे हैं जो लंबे समय से जमे हैं. दूसरे वे जिनका कार्यकाल तो पहला ही है लेकिन उनकी शिकायतें बहुत अधिक हैं. तीसरे वे जो अध्यक्ष के साथ ही एमएलसी भी बन चुके हैं. इनमें अलीगढ़ के जिलाध्यक्ष ऋषिपाल सिंह, लखनऊ के मुकेश शर्मा, कानपुर देहात के अविनाश चौहान, वाराणसी के हंसराज विश्वकर्मा आदि शामिल हैं.
निकाय चुनाव में गड़बड़ी वालों पर गिरेगी गाज

चौथे वे जिनकी निकाय चुनाव के दौरान लेनदेन की गंभीर शिकायतें हैं. इनमें पश्चिमी यूपी के ब्रज सहित अन्य संगठनात्मक क्षेत्रों के जिले शामिल हैं. काशी क्षेत्र के एक जिले की शिकायत तो संघ के पदाधिकारियों ने ही भेजी थी. इसके अलावा जिन अध्यक्षों के इलाके में पार्टी का प्रदर्शन नगर पालिका और नगर पंचायतों में बेहद खराब रहा, उन पर भी गाज गिर सकती है. प्रदेश के 16 जिलों में नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका. हालांकि हटाए जाने की भनक लगते ही तमाम जिलाध्यक्षों ने सिफारिशें और दवाब बनाने का सिलसिला भी शुरू कर दिया है.


लखनऊ न्यूज़ डेस्क
 

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