Lucknow सृजन विहार में अफसर-नेताओं की बेनामी संपत्तियां तलाश रहा आयकर, गोमतीनगर में बनी अवैध कॉलोनी में हैं कई बड़े अफसर, नेता, कारोबारियों की कोठियां

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क गोमतीनगर स्थित सृजन विहार कॉलोनी पर आयकर विभाग की निगाहें हैं. बताया जाता है कि विभाग ने यहां बेनामी संपत्तियों की तलाश में कई बड़े अफसर, नेताओं को नोटिस भी भेजे हैं. कॉलोनी के अवैध होने की जानकारी पर एलडीए से अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के दस्तावेज-जानकारियां मांगी हैं.
गोमतीनगर के अंबेडकर स्मारक के पूर्व स्मारक से सटकर सृजन विहार कॉलोनी बनी है, यह कॉलोनी पूरी तरह अवैध है. बेहद प्राइम लोकेशन पर होने से यहां कई बड़े आईएएस, आईपीएस और नेताओं की कोठियां, बंगले हैं, जिनमें शायद ही किसी का नक्शा पास हो. कॉलोनी में कुल 105 प्लॉट थे, जिसमें करीब 65 पर मकान हैं और बाकी खाली हैं. खाली भूखंड किसके हैं और क्यों खाली हैं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. खुद आरडब्ल्यूए सचिव कैप्टन एससी शर्मा के मुताबिक जो प्लॉट खाली हैं, उनके मालिक कौन हैं, उन्हें भी पता नहीं है. उनके मुताबिक इनमें कई संपत्तियां बेनामी हो सकती हैं. आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर आलोक सिंह ने एलडीए सचिव पवन गंगवार को बीती 16 जनवरी को पत्र लिखा है. इसमें बेनामी संपत्ति ट्रांजैक्शन एक्ट का उल्लेख कर प्राधिकरण से तमाम दस्तावेज मांगे हैं. उन्होंने एलडीए की कार्रवाई के कागज, आदेश की प्रमाणित प्रतियां मांगी हैं. ध्वस्तीकरण के रिकॉर्ड भी मांगे हैं. आयकर विभाग ने एलडीए सचिव को सभी सूचनाओं की प्रमाणित प्रतियां देने को कहा है. कोई भी सूचना गलत या अधूरी भेजी जाती है तो 25000 जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई भी होगी.
एलडीए ने 33 कोठियों का ब्योरा सौंपा
एलडीए ने आयकर को 33 कोठियों का ब्यौरा दिया है. इन 33 कोठियों के खिलाफ नोटिस व अन्य कार्रवाई पूर्व में हुई थी. पूर्व में कई मकानों के ध्वस्तीकरण का आदेश भी हो चुका है. ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ कुछ लोगों ने कमिश्नर की अदालत में अपील भी कर रखी है. एक भवन स्वामी सुषमा द्विवेदी के बंगले को गिराने का आदेश सात जुलाई 2022 को किया गया था.
12 हजार वर्गफुट के मकान
सृजन विहार में काफी बड़ी और आलीशान कोठियां बनी हैं. बाहर से यह कॉलोनी नहीं दिखती है, लेकिन अन्दर बने मकान देखकर कोई भी हैसियत का अंदाजा लगा सकता है. 6000 से लेकर 12000 वर्गफुट तक में यहां कोठियां बनी हैं.
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सृजन विहार कॉलोनी के नियमितीकरण के लिए प्रयास हो रहा है. कई भूखण्ड स्वामियों का पता ही नहीं है. तमाम प्लॉट खाली हैं तो विकास शुल्क नहीं मिलेगा. लोग अपने-अपने हिस्से का शुल्क देने को तैयार हैं, प्राधिकरण एकमुश्त मांग रहा है. कुछ लोगों को आयकर विभाग ने नोटिस जारी की है. - कैप्टन एससी शर्मा, सचिव, सृजन विहार आरडब्लूए
लखनऊ न्यूज़ डेस्क