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कोटा: हैंगिंग ब्रिज पर गोरक्षकों और बजरंग दल ने वसुंधरा राजे के काफिले को रोका

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कोटा-चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे पर स्थित हैंगिंग ब्रिज के पास गोरक्षकों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफिले को रोककर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध का मुख्य कारण मृत गायों के निस्तारण को लेकर नाराजगी जताना था। कार्यकर्ताओं ने लगभग 20 मिनट तक काफिले को रोक रखा, जिससे राहगीरों और स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार्यकर्ता पहले से ही वहां मौजूद थे और उन्होंने काफिला आते ही आवाज़ उठाकर विरोध शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि मृत गायों के उचित निस्तारण और संरक्षण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की मांग की।

वसुंधरा राजे के काफिले में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित किया और कार्यकर्ताओं से बातचीत कर काफिला आगे बढ़ाया। इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा या चोट की खबर नहीं है। काफिला रोकने की यह घटना करीब 20 मिनट तक जारी रही, जिसके बाद राजे अपने कार्यक्रम स्थल की ओर रवाना हुईं।

स्थानीय प्रशासन ने कहा कि यह मामला शांतिपूर्ण तरीके से निपटाया गया। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे कानून और शांति का पालन करें और किसी भी विवादास्पद स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।

विशेषज्ञों का कहना है कि मृत गायों के निस्तारण और पशु संरक्षण जैसे मुद्दे समाज में संवेदनशील हैं। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। गोरक्षक और बजरंग दल जैसे संगठन इन मुद्दों को लेकर सक्रिय रहते हैं और अपनी आवाज़ उठाते हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन अक्सर नेताओं और प्रशासन के लिए चेतावनी का संदेश होते हैं। वे समाज की उन समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करते हैं, जिन पर जनता की संवेदनशीलता अधिक होती है।

इस घटना ने कोटा-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर थोड़ी देर के लिए यातायात प्रभावित किया। प्रशासन ने मौके पर पुलिस बल तैनात किया और यह सुनिश्चित किया कि काफिला सुरक्षित तरीके से आगे बढ़े।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कार्यक्रम के दौरान इस घटना पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सूत्रों के अनुसार उनका यह मानना है कि प्रशासन और समाजिक संगठनों के साथ मिलकर इस प्रकार के मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए।

कोटा में हैंगिंग ब्रिज के पास हुई यह घटना यह संदेश देती है कि नागरिक और सामाजिक संगठन किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठाने में सक्रिय रहते हैं। वहीं प्रशासन और राजनीतिक दलों के लिए यह आवश्यक है कि वे समय पर समस्याओं का समाधान करें और समाज में संतुलन बनाए रखें।

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