कोटा में छात्र नामांकन में गिरावट, स्थानीय अर्थव्यवस्था संघर्षरत, कोचिंग मार्केटिंग तेज

राजस्थान के कोटा में टॉपर्स का जश्न सिर्फ़ मनाया ही नहीं जाता, बल्कि उनकी मार्केटिंग भी की जाती है। कोचिंग की राजधानी में बिलबोर्ड, दीवारें और पोस्टर NEET में सफल होने वाले छात्रों के चेहरों से सजे हैं, अक्सर कोचिंग सेंटर के लोगो के साथ। यहाँ तक कि कोटा हॉस्टल एसोसिएशन, जिसका अकादमिक नतीजों से कोई सीधा संबंध नहीं है, ने भी अपने फेसबुक पेज पर टॉपर्स की अख़बार की कतरनें प्रसारित की हैं। विज्ञापनों की यह बाढ़ सिर्फ़ मुनाफ़ा कमाने की रणनीति नहीं है, बल्कि छात्रों के नामांकन में गिरावट के बीच संघर्षरत उद्योग को बचाए रखने की एक हताश कोशिश है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, 2024 में नामांकन में 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, कोटा में प्रवेश सामान्य रूप से 2 से 2.5 लाख छात्रों से घटकर पिछले साल 85,000 से 1 लाख हो गया। कोटा में एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर से जुड़े एक अनुभवी प्रोफेसर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, "60% हॉस्टल खाली हैं और बंसल क्लासेस, वाइब्रेंट, करियर पॉइंट, रिलायबल, रेजोनेंस और दो अन्य सेंटर जैसे पुराने खिलाड़ियों की नौ शाखाएं पहले ही कोटा में बंद हो चुकी हैं। पिछले साल कम से कम एक लाख लोग बेरोजगार हो गए।"