राजस्थान न्यूज डेस्क, शिव महापुराण कथा सुनने और शिव भक्ति के लिए पहले अहंकार दूर करना होगा। क्योंकि जब तक अहंकार होता है। तक भोलनाथ प्रसन्न नहीं होते है। जिस प्रकार आदि देव महादेव को भोलेनाथ कहा जाता है। उसी उनको भक्त भी भोले पसंद है। जब तक अहंकार दूर नही होगा तब तक शिव की भक्ति प्राप्त होना कठिन है। यह बात इटावा के फतेहपुर मार्ग शिव मंदिर पर चल रही शिवपुराण कथा में कथा वाचक शंकरलाल योगी ने कही।
कथा में इटावा नगर पालिका अध्यक्ष रजनी सोनी, पार्षद चेतना सिंह, राधा नायक ने शिव महापुराण कथा का पूजन अर्चन किया। कथा वाचक शंकरलाल योगी ने शिव महापुराण की कथा आह्वान करते हुए कहा कि इस कथा का श्रवण कर अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि माता सती भगवान शिव के मना करने पर भी प्रजापति दक्ष के यज्ञ में पहुंची। बिना बुलाए अपने पिता के घर गईं। अपमान का सामना न करते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। शिव पुराण की कथा हमें उपदेश देती है कि जीवन साथी व अपने गुरु पर विश्वास व श्रद्धा होनी जरूरी है। बिन बुलाए मेहमान व बिना परिवार की आज्ञा से कहीं पर भी जाना शुभ नहीं होता।
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