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Katihar बांका में 16 साल में आठ बार हुए लोकसभा चुनाव

Allahabad चुनाव  कभी जौनपुर के लोग भी चुनते थे इलाहाबाद का सांसद

बिहार न्यूज़ डेस्क लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गयी है. बिहार में लोकसभा चुनाव का आंकड़ा देखें तो बांका सीट पर मतदाताओं को सबसे अधिक चुनाव का सामना करना पड़ा है. 1957 से बांका लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया. उसके बाद से अब तक लोकसभा के  चुनाव हो चुके हैं. 1984 से 1999 तक यानी 16 साल में आठ बार लोकसभा का चुनाव हुआ. इस सीट पर चार बार उपचुनाव हुए. इसके अलावा सूबे में भागलपुर सहित करीब 10 लोकसभा सीटों पर एक या दो बार उपचुनाव कराया गया.

बांका में दो तत्कालीन सांसद के निधन से उपचुनाव बांका में 1984 के लोकसभा चुनाव में मनोरमा देवी ने जीत दर्ज की. उस समय मनोरमा सिंह के पति चन्द्रशेखर सिंह बिहार के मुख्यमंत्री थे. 1985 में पुन चन्द्रशेखर सिंह केन्द्र में मंत्री बने. उसके बाद मनोरमा देवी ने इस्तीफा दे दिया. 1985 में हुए उपचुनाव में चन्द्रशेखर सिंह की जीत हुई. 1986 में चन्द्रशेखर सिंह के निधन के बाद पुन हुए उपचुनाव में मनोरमा देवी ने जीत दर्ज की. यानी 1984 से 1989 के बीच पांच साल में बांका सीट पर लोकसभा के चार चुनाव हुए. तत्कालीन सांसद दिग्विजय सिंह के निधन के बाद 10 में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी पुतुल कुमारी ने जीत दर्ज की. इसके पूर्व 1973 में उपचुनाव में बांका सीट पर मधुलिमये जीत कर लोकसभा पहुंचे थे.

सूबे के भागलपुर, मधेपुरा, मुंगेर, अररिया, दरभंगा, महाराजगंज (दो), नालंदा, समस्तीपुर, वैशाली और औरंगाबाद लोकसभा सीट पर एक-एक बार लोकसभा का उपचुनाव हुआ. कहीं तत्कालीन सांसद के निधन तो कहीं दो सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद एक सीट से इस्तीफा देने के चलते उपचुनाव हुआ. 04 में भागलपुर सीट से भाजपा के टिकट पर सुशील कुमार मोदी ने जीत दर्ज की थी. बिहार का उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 06 में हुए उपचुनाव में सैयद शाहनवाज हुसैन ने जीत दर्ज की. 04 में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद छपरा और मधेपुरा से चुनाव लड़े और जीते.

दोनों जगह जीत होने के बाद लालू प्रसाद ने मधेपुरा सीट से इस्तीफा दे दिया. उसी साल हुए उपचुनाव में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मधेपुरा सीट पर जीत दर्ज की. महाराजगंज लोकसभा सीट पर 1989 और 13 में उपचुनाव हुआ.

 

कटिहार न्यूज़ डेस्क

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