
बिहार न्यूज़ डेस्क उर्दू भाषी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में मैट्रिक स्तर में नौशीन को प्रथम, अदीब, आएशा व शाहीन को द्वितीय और सबा, तजील, इंशा व रजिया को तृतीय स्थान पर चयनित किया गया. इंटर स्तर में नुजहत को प्रथम, शाएका, साबिर व मेहर को द्वितीय और तबस्सुम, आकिब, नर्गिस व तौहीद को तृतीय स्थान पर चुना गया.
वहीं स्नातक स्तर में होदा को प्रथम, नरगिस, साफिया व साएमा को द्वितीय तथा साजदा, मेराज, शबाना व रौशनी को तृतीय स्थान पर चयनित किया गया. सभी विजेताओं को मोमेंटो और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया. निर्णायक पूर्व प्राचार्य प्रो शमीम परवेज, प्रो शकील अनवरऔर डॉ वलीउल्लाह कादरी थे. संचालन नदीम अहमद ने किया. प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद इकबाल ने कहा कि ऊर्दू वह भाषा है जेहन को गेजा पहुंचाने की क्षमता रखती है. यह न सिर्फ मनोरंजन का साधन है बल्कि इल्म व हुनर का श्रोत भी है. इसमें नजाकत, बलागत और फसाहत के साथ एक हुस्न भी है. इसके प्रयोग से मन मस्तिष्क में जहाँ जोश भरा जा सकता है वहीं शदीद गुस्से और नफरत को शांत किया जा सकता है. अतिथियों का स्वागत उर्दू भाषा कोषांग की प्रभारी पदाधिकारी सैयदा सरवत जहां ने किया. विशिष्ट अतिथि जदयू जिलाध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने कहा उर्दू को विशुद्ध रूप से भारतीय भाषा बताते हुए उसे प्यारी और मीठी जुबान कहा. डॉ रज्जबुल कादरी ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका अविस्मरणीय है. कार्यक्रम में निसार अहमद, शकीला बानो, जुनैद मीर, इंसाफ अली, सुल्तान इदरीसी, नबी अहमद, शेफारत हुसैन, जहांगीर आलम, सद्दाम हुसैन, हारुन रशीद, जेयाउल हक, फिरोज आलम, सैफुर रहमान, अबुल जैश, शिशुपाल, धीरज, मो मंसूर, इम्तियाज अंसारी व उपस्थित थे.
कटिहार न्यूज़ डेस्क