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Katihar थैलेसीमिया रोगियों को रक्तदान करें, माता पिता से मिलने वाला अनुवांशिक रोग है थैलेसीमिया

Bilaspur सर्व मानव जागृति समिति ने किया रक्तदान

बिहार न्यूज़ डेस्क थैलेसीमिया रोगियों को आपकी जरूरत है. यदि आप इन रोगियों को मदद करना चाहते हैं तो ब्लड बैंक पहुंच कर स्वैच्छिक रक्तदान करें. यह बातें ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ.आर सुमन ने कही. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के बिहार राज्य रक्ताधान परिषद के तत्वावधान में 8  को राज्य के सभी 38 जिलों के साथ-साथ कटिहार स्थित सरकारी ब्लड सेन्टर में विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाएगा.

इस मौके पर सदर अस्पताल स्थित ब्ल्ड बैंक में जिले के विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं, कॉलेज, सरकारी व निजी बैंकों, सरकारी संस्थानों के लिए 8  को सुबह 10 बजे से खुला स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएग. स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में भाग लेने वाले इच्छुक संस्थानों को  अनुरोध पत्र, जो सिविल सर्जन कटिहार के नाम से होगा. इस पत्र को ब्लड सेन्टर, सदर अस्पताल कटिहार के कार्यालय में  शाम 5 बजे तक स्वयं जमा करने की जरूरत है. जिला एड्स बचाव एवं नियंत्रण इकाई के डीपीएम शौनिक प्रकाश ने बताया कि ब्लड सेन्टर, सदर अस्पताल कटिहार से जिले के 70 से अधिक थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे पंजीकृत हैं.

माता पिता से मिलने वाला अनुवांशिक रोग है थैलेसीमिया

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.आर. सुमन ने बताया कि थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला ब्लड डिसऑर्डर है. इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया में बाधित होती है, जिसके कारण एनीमिया के लक्षण दिखाई देते हैं. इसकी पहचान  माह की आयु के बाद ही होती है. इसमें रोगी बच्चे के शरीर में खून की भारी कमी होने लगती है. उसे बार-बार खून की आवश्यकता पड़ती है.

18 से 65 वर्ष उम्र के बीच वाले कर सकते हैं रक्तदान

डॉक्टर ने बताया कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति, जिसकी आयु 18 से 65 के बीच हो. वजन 45 किलो या उससे अधिक हो. हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 हो. वैसा व्यक्ति रक्तदान कर सकता है. रक्तदान करने से दिल की बीमारी का खतरा कम होता है. कोलेस्टॉल कम व नियंत्रित रहता है

 

कटिहार न्यूज़ डेस्क

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