बिहार न्यूज़ डेस्क जिले में पंजीकरण की शर्तों का उल्लंघन करते हुए मनमाने ढंग से संचालित स्वास्थ्य संबंधित जांच घरों पर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. विभाग द्वारा जिले में संचालित अवैध पैथोलॉजी ,अल्ट्रासाउंड ,एक्सरे ,सिटी स्कैन व एमआरआई सेंटर की सूची तैयार की जा रही है. सरकार के विशेष सचिव शशांक शेखर सिन्हा ने डीएम व सीएस को पत्र भेज कर इस पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
जिसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग सजग हुआ है और जांच प्रक्रिया में जुट गया है. यहां बता दें कि जिले में कुल 510 पैथोलॉजी संचालित है. जिसमें मात्र 73 पंजीकृत हैं. वहीं, कई का पंजीकरण की अवधि समाप्त होने के बाद उनका नवीनीकरण भी नहीं कराया गया है. वहीं, जिले में अधिकांश लैब में गुणवत्तापूर्ण मशीन नहीं होने की वजह से मरीजों को ठीक ढंग से जांच रिपोर्ट भी नहीं मिल पाती है. कई बार तो जांच केन्द्रों की रिपोर्ट के चलते मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मिली जानकारी के अनुसार लैब संचालन के लिए सीबीसी मशीन, बायोकेमेस्ट्री,एनालाइजर व माइक्रोस्कोप का होना अनिवार्य है. हालांकि कई लैबों में माइक्रोस्कोप तो है लेकिन सीबीसी मशीन उपलब्ध नहीं है. जिससे दूसरे जगह जांच कराने के नाम पर मरीजों का आर्थिक शोषण होता है.
पंजीकरण के लिए कई कागजातों की होती है,जरूरत पैथोलॉजी लैब पंजीकरण के लिए अग्नि फायर प्रमाण पत्र ,प्रदुषण प्रमाण पत्र,बायो मेडिकल बेस्ट,निजी मकान या किरायानामा, डीएमएलटी डिग्रीधारी या डॉक्टर का प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है. वहीं संचालन के लिए अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय का शपथ पत्र भी लगाना होता है. इसके बाद ही संसाधनों की जांच के बाद सिविल सर्जन द्वारा पंजीकरण जारी किया जाता है. लेकिन, जिले में कहीं सीढ़ी के नीचे तो कही गली खुचे में पैथोलॉजी सेंटर संचालित हो रहे है .
फर्जी जांच केन्द्रों को चिन्हित करने का काम शुरू हो गया. मानक के अनुरूप काम नहीं कर रहे जांच सेंटरों पर एफआईआर दर्ज कराने से लेकर सील तक की कार्रवाई की जाएगी.
-डॉ.बीरेन्द्र प्रसाद, सिविल सर्जन, गोपालगंज
कटिहार न्यूज़ डेस्क