
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क पटाखों पर पाबंदी क्या लगी गंधक-पोटाश बेचने वालों की मौज आ गयी. दीपावली पर गंधक-पोटाश की बिक्री हुई. पंसारी की दुकान से भी गंधक-पोटाश चोरी छिपे खूब बिके. पुलिस ने पटाखों पर तो कार्रवाई की लेकिन गंधक-पोटाश को भूल गई.
पिछले कुछ सालों में दीपावली पर लोहे की नाल के प्रयोग का चलन बढ़ा है. इस नाल को लोहे का काम करने वाले 400 से 500 रुपये में तैयार कर देते हैं. युवाओं में इसको लेकर खासी उत्सुकता दिखाई दी है. वह नाल में गंधक-पोटाश का पाउडर डालकर लोहे की रॉड से दबाव बनाते हैं जो धमाके का रूप लेता है. यह धमाका किसी बड़े पटाखे से होने वाले धमाके के बराबर ही होता है.
गुजरी बाजार बड़ा ठिकाना
गंधक और पोटाश का गुजरी बाजार बड़ा ठिकाना रहा है. शहर ही नहीं गांव से भी युवा इसे खरीदने यहां आते थे. धीरे धीरे यह गलियों में खुली पंसारी की दुकान तक पहुंच गया है. पंसारी चोरी छिपे इसका पाउडर जुटाकर रखते हैं और केवल परिचितों को ही बेचते हैं.
कीमत हजार रुपये किलो
गंधक और पोटाश का प्रयोग करने वाले बताते हैं कि यह दीपावली के समय पर 800 से 1000 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकता है. इस बार यह 1200 रुपये किलोग्राम तक बिका. दोनों ही पाउडर का 50-50 प्रतिशत लेकर मिश्रण तैयार होता है.
कानपूर न्यूज़ डेस्क