
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क मलिन बस्तियों के जो बच्चे आपस में झगड़ते थे, वे अब मंत्रोच्चार करने लगे हैं. ऐसा संभव हुआ है क्लब-60 के शिक्षा सेतु मिशन की वजह से. शिक्षा सेतु के संचालक हरि विश्नोई बताते हैं कि यह बच्चे पर्यावरण बचाने के साथ अपने आसपास को साफ सुंदर बना रहे हैं. सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा 6 से ऊपर पढ़ रहे बच्चों को शिक्षा सेतु न केवल पढ़ा रहा है बल्कि उनकी फीस, बुक्स, फ्री कोचिंग, साइकिल, मोबाइल फोन, रोजगार परक ट्रेनिंग, समाचार पत्रों का मासिक शुल्क, खेल सामग्री और 500 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति का इंतजाम भी कर रहा है.
समग्र विकास परिवार की आय व प्राप्तांकों के आधार पर प्रति वर्ष 51 बच्चे चुने जाते हैं. उनके समग्र विकास के लिए माह के अंतिम ड्राइंग, निबंध, कविता, भाषण व क्राफ्ट प्रतियोगिताओं द्वारा टैगोर पार्क में उन्हें पुरस्कृत किया जाता है.
60 से 90 प्रतिशत नंबर लाने के साथ एक बच्चा शतरंज का राज्य स्तरीय खिलाड़ी है. दो बच्चे उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की खेल प्रतियोगिताओं में, 3 टाटा की निबंध प्रतियोगिता में विजेता रहे. चार बच्चों को चंद्रयान महाक्विज में इसरो के डायरेक्टर से प्रमाणपत्र मिले हैं. मेरठ के कैथवाड़ी व उड़ीसा के भुवनेश्वर में शिक्षासेतु की शाखाएं चल रही हैं.
कराते हैं चार प्रण
आदर्श नागरिक बनाने के लिए हर लाभार्थी से 4 लिखित संकल्प कराए जाते हैं.
1.राष्ट्र को सर्वोपरि मानेंगे
2.पर्यावरण की रक्षा करेंगे
3. कभी नशा नहीं करेंगे
4.बड़े होकर निर्धनों की शिक्षा में सहायता करेंगे
कानपूर न्यूज़ डेस्क