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Kanpur  सरकारी भूमि पर दे दी एनओसी, आवेदन में दिए गए नक्शे और तहसील की एनओसी व भौतिक स्थिति में भिन्नता पाई गई

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  नगर निगम सम्पत्ति विभाग में फर्जी दस्तावेज दर्शाकर नजूल की भूमियों पर एनओजी जारी करने में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया है. पार्षद व समाजसेवी समय पर शिकायत पर तीन सदस्यीय अफसरों की जांच कमेटी की रिपोर्ट पर नगर निगम ने फरवरी माह में जारी एनओसी को फर्जी दस्तावेज पर जारी करना पाया. इतना हीं आवेदन में दिए गए नक्शे व तहसील की एनओसी व भौतिक स्थिती में भिन्नता पाई गई है. जांच रिपोर्ट के आधार पर अपर नगर आयुक्त ने आउटसोर्स कानून गो माता प्रसाद से स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं पार्षद सुलेमान मंसूरी ने खुलकर सम्पत्ति विभाग के अफसरों पर भू-माफियाओं (जमींदारों) को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी भूमियों के नम्बरों/नक्शों में हेरफेर कर सौंदेबाजी का आरोप लगाते हुए दोषी कानून गो के सेवा समाप्त कर सांठगांठ में शामिल भू-माफियाओं पर एफआइआर दर्ज कराने की मांग की है.

इसमें नगर निगम के वार्ड नम्बर 48 उन्नाव गेट अंदर सुलभ शौचालय के सामने पड़ी नजूल की भूमि पर सांठगांठ कर नगर निगम से एनओसी जारी कराकर निर्माण कार्य किए जाने का मामला उजागर किया था. हालांकि उक्त भूमि पर एनओसी जारी कराने के लिए पूर्व में भी भू-माफियाओं ने प्रयास किए थे, लेकिन तत्काल सम्पत्ति विभाग के अफसरों ने मामला गड़बड़ देख एनओसी आवेदन के रद्द कर दिया था. इसी बीच सम्पत्ति अधिकारी व प्रभारी सम्पत्ति अधिकारी के अलावा बाबुओं के पटल परिवर्तन के बाद एनओसी जारी कराने खेल चर्चाओं में आ गया. कई आदेश निर्देश के बाद जहां समय पर एनओसी जारी न होना आम बात हो गई तो वहीं फर्जीवाड़े के चलते सरकारी भूमियों पर एनओसी जारी करने में अफसरों के हाथ नहीं कांपे. दो माह पूर्व 22 फरवरी को उन्नाव गेट अंदर पुलिस चौकी के पास 750 वर्गफुट नजूल की भूमि पर 24 जनवरी की सम्पत्ति विभाग अफसरों की रिपोर्ट पर जारी कर दी गई. एनओसी जारी होते ही भूमि पर तेजी से निर्माण कार्य शुरू हो गया. इधर मोहल्ले के एक समाजसेवी डॉ आर रतन व पार्षद सुलेमान मंसूरी की शिकायत के बाद अपर नगर आयुक्त रोली गुप्ता ने रिटायर्ड नायब तहसीलदार ओम प्रकाश सोनी के नेतृत्व में रिटायर्ड कानून गो प्रकाश चन्द्र सोनी व लेखपाल राम रहस्य तिवारी की टीम का गठन कर रिपोर्ट मांगी.

जांच टीम ने तत्काल मौके पर जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए है. जांच टीम ने अभिलेखों के आधार पर जांच में पाया गया है कि एनओसी आवेदनकर्ता की भूमि पर एक तिहाई काबिज है, इसको अनदेखा कर पूरी भूमि पर एनओसी जारी कर दी. शपथ पत्र में आवेदनकर्ता ने चारों दिशाओं का गलत उल्लेख किया है, जबकि तहसील की एनओसी रिपोर्ट में दिशाओं के उल्लेख में भिन्नता है. इतना ही आवेदन के साथ ब्लू प्रिंट मानचित्र एवं मौके पर स्थिती में भी भिन्नता है. जांच कमेटी की रिपोर्ट पर अपर नगर आयुक्त रोली गुप्ता ने एनओसी को निरस्त करने व सम्बंधित आउटसोर्स कानून गो का स्पष्टीकरण तलब किया है.

 

 

कानपूर न्यूज़ डेस्क

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