उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में फेल को पास करने वाले गैंग के तीन और सदस्यों को कल्याणपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों में एक विवि का प्रशासनिक अधिकारी घनश्याम गौड़, एक रिटायर्ड कर्मचारी राम भुजारत (वर्तमान में संविदा पर काम कर रहा) और कैफे संचालक प्रकाश सक्सेना है. इनके पास से पुलिस ने 22 खाली मार्कशीट, तीन पैन ड्राइव, एक बार काउंसिल कार्ड, एक स्कूटी, तीन मोबाइल बरामद हुए हैं. अब तक इस मामले में छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
सीएसजेएमयू में पिछले कई वर्षों से चल रहे फेल-पास और फर्जी मार्कशीट के खेल में लगातार खुलासे हो रहे हैं. 27 जुलाई को मिले एक लावारिस लिफाफे ने इस पूरे खेल से पर्दा उठाया. रिकार्ड के दस्तावेज मिले तो रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ का खुलासा हुआ. जिसमें नेहाल हुसैन रिजवी के रिकार्ड में अंकों से छेड़छाड़ की गई है. विवि के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव ने कल्याणपुर थाना में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जगदीश पाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई और एक बड़े गैंग होने का अंदेशा जताया. जांच में पुलिस जुटी तो एक-एक परत खुलने लगी. पुलिस ने जगदीश पाल के बाद शिव कुमार और आशीष राय को गिरफ्तार किया. पूछताछ में जगदीश पाल ने बताया कि फेल-पास व रिकार्ड में गड़बड़ का खेल वर्ष 2010 से चल रहा है. विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की तत्परता और सजगता से गैंग के अन्य सदस्यों की भी गिरफ्तारी हो रही है. पुलिस ने विवि से प्रशासनिक अधिकारी घनश्याम गौड़, संविदा पर काम कर रहे रिटायर कर्मचारी राम भुजारत और कैफे संचालक प्रकाश सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया. घनश्याम विवि कैम्पस में रहता है और मूलत गोरखपुर के ठकुरापार का रहने वाला है. राम भुजारत आवास विकास-एक कल्यानपुर में रहता है और मूलत अयोध्या के बैराजपुर का रहने वाला है. वहीं, प्रकाश रामबाग, पीरोड निवासी है. कल्याणपुर एसीपी अभिषेक पांडेय ने बताया कि विवि में फर्जी मार्कशीट व फेल-पास करने वाले गैंग के अब तक छह सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसमें तीन सदस्य विवि के हैं.
कुलपति ने पूर्व कंप्यूटर सेंटर प्रभारी से मांगा स्पष्टीकरण
विवि में फेल-पास करने वाले गैंग के सदस्य के रूप में पकड़े गए प्रकाश सक्सेना ने एलएलबी की है. संदेह होने पर पुलिस ने विवि से रिकार्ड सत्यापन की मांग की. कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने टीम के साथ देर रात और दोपहर सभी रिकार्डों का सत्यापन किया. जिसमें मामला संदिग्ध मिला. प्रकाश ने वर्ष 2003 में एलएलबी में प्रवेश लिया था. जिसका रोल नंबर 60193 था और वह फेल था. वर्ष 2004 में ही बैक-पेपर देकर वह प्रथम वर्ष पास हो गया. वर्ष 2005 में प्रकाश दोबारा फेल हो गया था. इसके बाद प्रकाश ने एक्स छात्र के रूप में वर्ष 2011 में प्रवेश लिया. 2012 में तृतीय वर्ष में पास हो गया. जबकि 2001 में प्रवेश लेने वाले प्रकाश को सात वर्ष की नियमित अवधि अर्थात 2010 में एलएलबी पूरी हो जानी चाहिए थी. मगर, प्रकाश ने 2011 में कैसे एलएलबी में प्रवेश लिया. इस मामले में तत्कालीन कंप्यूटर सेंटर प्रभारी डॉ. सरोज से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
कंप्यूटर सेंटर के सभी कर्मचारी रडार पर, दो की तलाश जारी
विवि में फेल-पास और फर्जी मार्कशीट के खेल में 2022 से पहले कार्यरत कंप्यूटर सेंटर से जुड़े सभी अधिकारी व कर्मचारी रडार पर हैं. पुलिस के साथ विवि की टीम भी रिकार्डों को खंगाल रही है. कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के निर्देशन में रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव व डिप्टी रजिस्ट्रार अंजलि मौर्या जांच कर रही हैं. पुलिस ने अभी तक विवि के एक प्रशासनिक अधिकारी, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और एक संविदा पर कार्यरत रिटायर कर्मचारी को गिरफ्तार किया है.
कानपूर न्यूज़ डेस्क