Samachar Nama
×

Kanpur  पेपर लीक में करोड़ों रुपये की रकम कई लोगों में बंटी

 भारत का सबसे अधिक जॉब देने वाला सेक्टर, मिलती है करोड़ों लोगों को नौकरी

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   सिपाही भर्ती और आरओ भर्ती परीक्षा के पर्चा लीक की पड़ताल में रोजाना नया खुलासा हो रहा है.

सामने आया है कि पर्चा लीक प्रकरण के मुख्य आरोपी राजीव नयन के साथ सबसे अहम भूमिका में उसका खास साथी सुभाष प्रकाश भी रहा था. इन दोनों तक ही करोड़ों रुपये की रकम पहुंची थी जो बाद में कई लोगों में बांटी गई. विवेचना में प्रकाश का नाम शामिल कर लिया गया है. एसटीएफ की दो टीमों ने अब प्रकाशऔर फरार चल रहे डॉ. शरद की तलाश तेज कर दी है. डॉ. शरद की गिरफ्तारी के लिये कई जगह दबिश दी गई लेकिन वह हाथ नहीं आया.

इन दोनों भर्ती परीक्षाओं की साजिश का चक्रव्यूह ऐसा रचा गया था कि एसटीएफ भी उलझ गई है. सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने पर जब जांच शुरू हुई तो यह भनक तक नहीं लगी थी कि यही गिरोह आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक करने में शामिल है. राजीव नयन का नाम सामने आते ही यह खुलासा भी सामने आ गया था. दो दिन पहले गोमती नगर से गिरफ्तार कोचिंग संचालक अमित सिंह ने कई घंटे की पूछताछ में तमाम जानकारियां दी.

दोनों आरोपियों को रिमांड पर लिया जाएगा एसटीएफ के मुताबिक डॉ. शरद व सुभाष प्रकाश को गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश की जा रही है. उसके काफी करीब तक पहुंचने का दावा भी किया जा रहा है. साथ ही मुख्य आरोपी राजीव नयन और अमित को रिमाण्ड पर लेने की कवायद भी शुरू कर दी गई है.

एसटीएफ का कहना है कि इन दोनों को साजिश की शुरुआत से लेकर कहां किससे किस स्तर की साठगांठ हुई...इस बारे में सब कुछ पता है. इस वजह से ही इन दोनों को रिमाण्ड पर लिया जाना जरूरी है. पूछताछ के बाद इस पेपर लीक कांड के सभी सिरे मिलने की उम्मीद है.

बिहार और भोपाल तक पहुंचायी गई रकम

एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह और दीपक सिंह की टीम इन दोनों गिरोहों के सदस्यों का पता लगाने में जुटी है. कोचिंग संचालक अमित और मुख्य साजिशकर्ता राजीव नयन से पूछताछ में कई लोगों के नाम सामने आये है. अमित ने जब सुभाष प्रकाश का नाम लिया तो उसका ब्योरा जुटाया जाने लगा. उसकी कॉल डिटेल खंगाली गई तो एसटीएफ भी हैरान रह गई. पता चला कि प्रकाश दोनों परीक्षाओं की तारीख घोषित होते ही राजीव नयन के साथ साजिश में शामिल हो गया था. अभ्यर्थियों से वसूली गई काफी रकम उसके जरिये ही बिहार व भोपाल तक भेजी गई. इस रकम की बंदरबाट भी इन दोनों की निगरानी में हुई.

 

 

कानपूर न्यूज़ डेस्क

Share this story