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Kanpur  मां को पुकार कर बेहोश हो गई नन्ही ‘निर्भया’, सीटी स्कैन में चोट का आकलन नहीं हो पाया, आज होगी एमआरआई, तब पता चलेगा चोट कितनी गहरी
 

Kanpur  मां को पुकार कर बेहोश हो गई नन्ही ‘निर्भया’, सीटी स्कैन में चोट का आकलन नहीं हो पाया, होगी एमआरआई, तब पता चलेगा चोट कितनी गहरी


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  42 डिग्री पर तप रहे कानपुर के हैलट अस्पताल का पीआईसीयू. यहां 20 बच्चे भर्ती हैं. इनमें से एक, किनारे वाले बेड पर अचेत पड़ी बच्ची बीती रात से बेहोश है. सुबह से मां-बाप इंतजार कर रहे हैं.. बिटिया कभी तो आंखें खोल दे. दोपहर में उनकी फरियाद कबूल हुई. बच्ची कुनमुनाई.. आंखें खुल गईं और नजर मां की डबडबाई आंखों से टकराई. होठों पर कुछ लफ्ज आकर ठिठक गए.. बस एक बुदबुदाहट सुनाई दी... अम्मा.... बच्ची फिर बेहोश हो गई. मां-बाप की दो जोड़ी आंखें बरस पडीं. यह वही नन्ही ‘निर्भया’ है, जिसे  दोपहर एक किशोर ने दरिंदगी के साथ दबोच लिया था.

डॉक्टर कह रहे हैं-बच्ची खतरे में है. सिर पर गहरी चोट के लक्षण हैं पर सीटी स्कैन में कुछ पता नहीं चल पाया.  एमआरआई कराएंगे. उसमें साफ होगा, चोट कितनी गहरी है. इलाज कर रहे प्रोफेसर डॉ. यशवंत राव उसे होश में लाने को जूझ रहे हैं. बीते 24 घंटे में उसे महज चार मिनट होश आया. उसकी देह पर कई गहरी खरोंचें भी हैं. मन पर कितने घाव होंगे... कौन जाने. अचेत पड़ी यह बच्ची कितने डरावने सपने देख रही होगी.. किसे पता. जिस उम्र में बच्चियां दुपट्टे का मतलब नहीं जानतीं, उस उम्र में उसकी देह पर दरिंदगी के निशान दर्ज हैं.  उसे देखने वाली डॉ. पविका लाल ने बताया- बच्ची के सिर के अलावा पूरे शरीर में चोटें हैं. सांस लेने में मुश्किल हो रही है, तभी उसे जच्चा बच्चा से पीआईसीयू में एडमिट कराया गया. वहां बच्ची हाई फ्लो ऑक्सीजन पर रखी गई है. उसे रह रहकर झटके आ रहे हैं. सम्भव है कि दरिंदगी से वह सदमे में आ गई हो या फिर सिर पर गहरी चोट की वजह से ऐसा हो रहा हो.


कानपूर न्यूज़ डेस्क
 

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