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Kanpur  माइक्रोब व फंगस से बचा रहा आम की गुठली से बना स्प्रे, पेटेंट मिला

Nainital आम को पकाने के लिए Uttarakhand में हो रहा

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  आम की मिठास के सभी दीवानें हैं लेकिन अब कूड़ों में फेंकी जाने वाली गुठलियां भी लोगों को माइक्रोब व फंगस के इंफेक्शन से बचाएंगी. फूड इंडस्ट्री में टनों की मात्रा में निकलने वाली इन गुठलियों से जल्द ही एक विशेष स्प्रे तैयार किया जाएगा, जिसके छिड़काव से सिर्फ मेडिकल टेक्सटाइल नहीं बल्कि हर तरह के कपड़ों को माइक्रोब (सूक्ष्म जीवाणु) और फंगस इंफेक्शन का खतरा नहीं होगा. इस विशेष स्प्रे को विकसित किया है उप्र वस्त्रत्त् प्रौद्योगिकी विभाग की वैज्ञानिक डॉ. नीलू कम्बो ने. भारत सरकार से 21  को इस तकनीक का पेटेंट भी मिल गया है.

यूपीटीटीआई के वैज्ञानिकों की टीम लगातार अलग-अलग वेस्ट (कचरे) से उत्पाद व तकनीक विकसित कर रही है, जिसकी मदद से टेक्सटाइल और मानव शरीर को सुरक्षित रखा जा सके. संस्थान की वैज्ञानिक डॉ. नीलू कम्बो, डॉ. सौरभ दुबे, शुभम जोशी ने करीब डेढ़ साल तक अलग-अलग वेस्ट पर रिसर्च की. वैज्ञानिकों ने फूड इंडस्ट्री से निकलने वाले आम के वेस्ट गुठलियों पर रिसर्च शुरू की. डॉ. नीलू कम्बो ने बताया कि आम की गुठलियों में बहुत गुण होते हैं. गुठलियों का लो एनर्जी मैथेड से नैनो इमल्सन तैयार किया. जिसमें देवदार के तेल समेत कुछ अन्य जैविक चीजों का भी मिश्रण किया गया. यह मिश्रण माइक्रोब और फंगस के इंफेक्शन से पूरी तरह सुरक्षित रखने में कामयाब रहा. यह रिसर्च कानपुर और पुणे की लैब में हुई है. जैविक होने से इसका इस्तेमाल मानव शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा.

डॉ. नीलू कम्बो ने आम की गुठलियों से स्प्रे तैयार किया है. इससे कपड़े माइक्रोब और फंगस इंफेक्शन से सुरक्षित रखे जा सकेंगे. पेटेंट मिला है. -प्रो. जी नलन किल्ली, निदेशक-उप्र वस्त्रत्त् प्रौद्योगिकी संस्थान

 

 

कानपूर न्यूज़ डेस्क

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