उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क राज्य कर आयुक्त डा. नितिन बंसल ने बिना ई-वे-बिल के बिना पान मसाला की चार गाड़ियां छोड़े जाने पर चार राज्य कर अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. बताया जा रहा है कि इन चार गाड़ियों पर करोड़ों रुपये का माल था. इस पर करोड़ों रुपये का जीएसटी बनता था, लेकिन अधिकारियों ने ई-वे-बिल जांचे बिना ही इन गाड़ियों को कानपुर से जाने दिया, जिसे जांच के दौरान लखनऊ में पकड़ा गया.
राज्य कर आयुक्त ने कानपुर जोन दो के अंकुर द्विवेदी और सचल दल के संदीप कुमार, जगत प्रकाश और जगदीश प्रसाद को निलंबित किया है. इनमें से दो अधिकारियों को आगरा और दो को इटावा कार्यालय से संबद्ध किया गया है. इन अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने ई-वे-बिल को स्कैन और जांच किए बिना ही माल को ले जाने दिया. इससे इनके ऊपर पान मसाला वालों से मिलने होने का संदेश जताया जा रहा है. इस मामले की जांच लखनऊ के अधिकारियों को सौंपी गई है. इसमें देखा जाएगा कि कितने की जीएसटी चोरी का मामला है और इन अधिकारियों की कितनी मिलीभगत है.
लखनऊ जोन प्रथम की सचल दल इकाइयों द्वारा चार गाड़ियों को जांच के लिए रोका गया तो पाया की सभी में पान मसाला और सुगंधित तंबाकू है. जांच में इनके पास ई-वे-बिल नहीं मिला. जबकि टैक्स चोरी रोकने के लिए कानपुर में अधिकारियों की पूरी टीम लगाई गई है. इनका काम ई-वे-बिल को स्कैन करने के साथ ही जांच करना है. इसके बाद भी बिना जांचे कैसे माल को जाने दिया गया. इसके लिए प्रारंभिक रूप ने इन अधिकारियों को दोषी पाया गया है.
प्रमुख सचिव राज्य कर एम देवराज का स्पष्ट आदेश है कि पान मसाला बनाने वाली कंपनियों द्वारा की जा रही टैक्स चोरी पर कड़ाई से रोक लगाई जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि बिना ई-वे-बिल के माल जाने न पाए. इसकी जिम्मेदारी जोनल कार्यालयों के साथ ही सचल दल इकाइयों को दी गई है. साथ में पान मसाला फैक्ट्रियों के बाहर टीमें भी लगाई गई हैं. इसके बाद भी कानपुर से एक नहीं चार-चार गाड़ियां बिना ई-वे-बिल के कैसे निकल गई यह चौंकाने वाला मामला है.
कानपूर न्यूज़ डेस्क