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Kanpur  ड्रिप एरिगेशन योजना से जुड़ें, लक्ष्य 640 का, आवेदन हुए केवल 186

Raipur एडमिशन अलर्ट पीएचडी कार्यक्रमों के लिए आवेदन शुरू

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   खेत का पानी खेत में रोककर सिंचाई को आसान बनाने वाली प्रधानमंत्री की महत्याकांक्षी परियोजना खेत तालाब का लाभ पाने के लिए अब इच्छुक व्यक्ति को पहले उ.प्र. सूक्ष्म सिंचाई पद्यति परियोजना से लाभान्वित होना होगा. इसके बगैर वह आवेदन भी नहीं कर सकेगा.

पानी की कमी को दूर करने के लिए बारिश की - बूंद को सहेजने और उसके उपयोग के लिए बुंदेलखंड में तमाम योजनाएं संचालित हो रही हैं. इनमें से  खेत तालाब योजना है. जिसके माध्यम से किसान के खेत में तालाब बनाकर उसको सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराते हैं. साथ ही तालाब में मछली पालन से उसकी आमदनी बढ़ती है. बीते वर्षों में इच्छुक किसान भूमि संरक्षण विभाग की वेबसाइट पर अपना आवेदन करते थे. फिर विभिन्न औपचारिकता उपरांत कृषक के खेत पर इसका निर्माण कराया जाता था. शासन इस कार्य के लिए कृषक को सब्सिडी का भी भुगतान करता चला आ रहा है. कार्य पूर्ण होने के बाद लाभार्थी को उद्यान विभाग से ्िप्ररंकलर याफिर सूक्ष्म सिंचाई योजना का लाभ लेना होता था. वित्तीय वर्ष 2024-25 से किसानों ने इसमें महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. अब खेत तालाब बनवाने को इच्छुक व्यक्ति को पहले उद्यान विभाग जाकर उ.प्र. सूक्ष्म सिंचाई पद्यति परियोजना के तहत ्िप्ररंकलर याफिर ड्रिप एरिगेशन से लाभान्वित होना होगा. ड्रिप व ्िप्ररंकलर संबंधी उपकरणों की खरीद के बिल खेत तालाब के आवेदन संग लगाने होंगे. इस प्रक्रिया के पश्चात भूमि संरक्षण विभाग के तकनीकी अधिकारी मौके पर जाकर स्थान का जायजा लेंगे.

लक्ष्य 640 का, आवेदन हुए केवल 186

अधिकारियों के मुताबिक विभागीय वेबसाइट पर खेत तालाब के लिए आवेदनों की रफ्तार धमी है. जनपद की नों इकाइयों ललितपुर के लिए 320 व महरौनी के लिए 320 खेत तालाब बनाने का लक्ष्य है. इसके सापेक्ष ललितपुर में 120 और महरौनी 66 व्यक्तियों ने योजना के लाभ को आवेदन किया है. आगे की कार्यवाही की जा रही है.

अब नहीं बनाए जाएंगे मध्यम तालाब

लघु तालाब के अन्तर्गत 22 मीटर लंबाई, 20 मीटर चौड़ाई और 03 मीटर गहराई के तालाब बनाए जाते हैं. इसके निर्माण में 52,500 रुपये सब्सिडी और 52,500 रुपये लाभार्थी को देने होते हैं. वहीं मध्यम तालाब में 35 लंबाई, 30 चौड़ाई और 03 मीटर गहराई के तालाब बनाए गए हैं. इसमें 1,14,200 रुपये सब्सिडी है.

 

 

कानपूर न्यूज़ डेस्क

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